Aligarh News: कोरोना काल में दो जबरदस्त लहर की मार झेलने के बाद अलीगढ़ के रियल एस्टेट मार्केट में फिर बूम आया है. इस बार लोगों ने फ्लैट संस्कृति को अपनाने की ओर पहले से ज्यादा रूचि दिखाई है. आखिर ऐसा क्यों है? अगर आपके मन में भी हैं कई ऐसे सवाल तो पढ़िए हमारी खास रिपोर्ट.
दो सालों में कोरोना काल के दौरान जब-जब लॉकडाउन लगा, तब-तब बाजार बंद रहे. इससे लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा. कुछ चुनिंदा सर्विस को छोड़कर के कोई अन्य दुकान नहीं खुल रही थी.
Also Read: अलीगढ़ से पीएम मोदी का ‘बचपन का प्यार’, ताले वाले की कहानी से बताया देश की रक्षा का मतलबलॉकडाउन में जहां बाजार बंद थे, फ्लैट में रहने वालों को परेशानी नहीं हुई, जिनके अपार्टमेंट या अपार्टमेंट के कैंपस में खाद्य सामग्रियों की दुकान जैसी सुविधाएं थी. अलीगढ़ में कई फ्लैट्स की सोसायटी हैं, जहां खाने-पीने जैसी जरूरी सामानों के लिए कैंपस में अंदर दुकानों का प्रबंध है, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान खुला रखा गया. इससे फ्लैट ऑनर्स को बंद बाजार के बावजूद परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा.
कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के बाद जैसे ही पूरा बाजार खुला, लोगों का कोरोना के उस लॉकडाउन की परिस्थिति से नहीं गुजरने के लिए सिंगल मकान की अपेक्षा फ्लैट संस्कृति की ओर रुझान बढ़ा. लॉकडाउन में बाजार बंद हो सकते हैं परंतु जहां फ्लैट हैं, अगर कैंपस में खाद्य पदार्थ की दुकानें हैं तो उनकी सर्विस दी जाती रहेगी. इसी के चलते अलग-अलग सोसायटी में फ्लैट की बिक्री में इजाफा हुआ है.
अचल संपत्ति में अगर देखें तो लोगों ने फ्लैट, सिंपलेक्स और डुप्लेक्स विला, प्लॉट, कॉमर्शियल प्लॉट, दुकान, ग्रुप हाउसिंग साइट, स्कूल साइट, मॉल साइट, एससीएफ प्लाट्स को खरीदने में अपनी रूचि प्रदर्शित की है.
Also Read: कौन थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह जिनके नाम पर अलीगढ़ में बन रहा है नया विश्वविद्यालयओजोन ग्रुप के चेयरमैन प्रवीण मंगला ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद जैसे ही सब खुल गया है, मार्केट में तेजी आई है. क्रय-विक्रय दोनों में ही वृद्धि देखी जा रही है. बेशक अलीगढ़ में इन्वेस्टर नहीं दिखते परंतु वास्तविक खरीदार खरीदारी में रूचि दिखा रहे हैं.
सांगवान ग्रुप के एमडी नरेंद्र सांगवान ने कहा कि रियल स्टेट में डिसीजन लेने में समय तो लगता है. जिन परिवारों ने दूसरी लहर के पहले या बाद में कोई साइट देखी, अब श्राद्ध पक्ष के बाद नवरात्र में वो फाइनल हो रहे हैं. लगातार मार्केट में बूम दिखाई दे रहा है. प्लॉट और फ्लैट को खरीदने में लोगों का मन अधिक दिखा है.
ग्रीन पार्क के एमडी संजीव पाराशर ने प्रभात खबर को बताया कि लोग कोरोना काल में बाजार के बंद आदि परेशानियों के कारण फ्लैट संस्कृति की ओर अग्रसर दिखे हैं. क्योंकि, फ्लैट कल्चर में सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ खाद्य पदार्थों की आपूर्ति की व्यवस्था सुचारू देखने को मिलती है. बाजार में इन्वेस्टर ना होकर, जो वास्तविक खरीदार हैं वो अपने आशियाने का सपना फ्लैट, प्लॉट, विला से पूरा कर रहे हैं.
माधवास प्रोजेक्ट को संचालित करने वाली पोयम बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के एमडी विजय यादव ने बताया कि रियल स्टेट बाजार में सुधार आया है. लोग फ्लैट में इन्वेस्ट कर रहे हैं, जिनमें वास्तविक खरीदार ही खरीदारी कर रहे हैं. पिछले दो साल से कोरोना की वजह से जो डरे हुए थे, वो डर से बाहर निकलकर खरीदारी कर रहे हैं. अधिकतर तीन बीएचके फ्लैट की डिमांड बहुत देखने को मिल रही है.
पिछले पांच साल से अलीगढ़ में फ्लैट संस्कृति को पूरे शहर में बढ़ते देखा जा रहा है. क्वारसी बाईपास, आगरा रोड, रामघाट रोड, आईटीआई रोड दिल्ली रोड, एटा रोड जगहों पर ऊंची-ऊंची कई फ्लोर्स की फ्लैटों से युक्त अपार्टमेंट देखने को मिल जाते हैं. खासकर रविवार को फ्लैट देखने वालों की रियल एस्टेट साइट पर आशियाने के सपने को सच करने की कोशिशें दिखती है. इस दिन काफी भीड़ होती है.
(रिपोर्ट: चमन शर्मा, अलीगढ़)
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