Aligarh News: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज के न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने 51 वर्षीय एक महिला के मस्तिष्क की एक धमनी की दीवार में उत्पन्न ‘गुब्बारा’ जैसे असामान्य उभार जिसे सेरेब्रल एन्यूरिज्म कहा जाता है, की दुर्लभ सर्जरी कर उसे बचाया.
मुरादाबाद की कमलेश कुछ दिन पहले अचानक गंभीर सिरदर्द, इसके तुरंत बाद मतली, उल्टी, गर्दन में अकड़न और धुंधला दिखाई देना आदि से परेशान थीं. महिला सेरेब्रल एन्यूरिज्म से पीड़ित थी. उनके रिश्तेदार उन्हें अलीगढ़ ले आए और एएमयू के जेएनएमसी में भर्ती कराया.
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जेएनएमसी के डॉक्टर्स ने तुरंत एक एंडोवास्कुलर कोआइलिंग प्रक्रिया की, जिसमें प्लैटिनम काइल्स को मुक्त करने के लिए एन्यूरिज्म युक्त धमनी में एक कैथेटर से गुजारा गया. इसके बाद में एक माइक्रोकैथेटर प्रारंभिक कैथेटर के माध्यम से एक विद्युत प्रवाह को पारित करने और धमनीविस्फार के द्वार को बंद करने के लिए डाला गया. सर्जरी सफल रही और महिला की जान बच गई.
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एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि एएमयू को इस दुर्लभ सर्जरी पर गर्व है. सर्जरी की सफलता के लिए रोगी की देखभाल के सभी पहलुओं से समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होती है. इसमें प्री-ऑपरेटिव असेसमेंट एंड केयर, इंट्रा-ऑपरेटिव मैनेजमेंट और इन-पेशेंट और आउट पेशेंट पोस्टआपरेटिव केयर शामिल हैं.
प्रो. एम एफ हुदा ने बताया कि सर्जरी में कॉर्डियोलाजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम यू रब्बानी, न्यूरोसर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रमन मोहन शर्मा, न्यूरोसर्जरी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. एम ताबिश खान, डॉ. मोहम्मद अहमद अंसारी, डॉ. तारिक मतीन, एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ओबैद सिद्दीकी, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के डीन प्रोफेसर राकेश भार्गव और जेएनएमसी के प्रिंसिपल प्रोफेसर शाहिद सिद्दीकी का योगदान सराहनीय रहा.
(रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़)