अलीगढ़. अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा समान नागरिक संहिता कानून का विरोध करने की अपील की गई. इसके जवाब में अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती पुरी ने देशवासियों से एक पत्र लिखकर अपील की हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार समान नागरिक संहिता बिल लाना चाहती है. आप सभी अपने मोबाइल से विधि आयोग को दिए हुए लिंक पर सुझाव भेजें. इसके लिए एक पत्रकार वार्ता का आयोजन होना था, जिसकी सूचना दी जा चुकी थी. लेकिन स्थानीय पुलिस प्रशासन ने मीडिया से बात करने से रोक दिया. पुलिस प्रशासन द्वारा कहा गया है कि ऐसे किसी भी समर्थन की अपील मीडिया के समक्ष करने की आवश्यकता नहीं है. ऐसा करके माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
अलीगढ़ पुलिस प्रशासन ने महामंडलेश्वर डॉ अन्नपूर्णा भारती महाराज को यूसीसी समर्थन के लिए करने वाली पत्रकार वार्ता से शनिवार को रोका दिया है. अलीगढ़ पुलिस प्रशासन ने पत्रकार वार्ता को रोके जाने की अपील की. पुलिस का कहना है कि यदि आप पत्रकार वार्ता करके माहौल खराब करने की कोशिश करेंगे, तो हमें आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज करना पड़ जाएगा. हिंदू महासभा प्रशासन का बहुत सम्मान करती है. ऐसे में महामंडलेश्वर ने पत्रकार वार्ता को रद्द कर दिया.
हिंदू महासभा ने एक QR-code जारी कर भारतवासियों से व सनातन धर्मावलंबियों से समान नागरिक संहिता बिल का समर्थन करने एवं अपने सुझाव देने की अपील की. महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने कहा हिंदू महासभा के पत्र पर जो क्यूआर कोड है. उसे अपने गूगल डायलर से स्कैन करें. एक लिंक खुलेगा. जिस पर अपने नाम नंबर के साथ सुझाव प्रेषित कर बिल का समर्थन करें.
महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती ने दुखी मन से खेद व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे बयान से न तो कभी दंगे हुए, न हमने किसी को माहौल खराब करने के लिए उकसाया है. फिर भी हमारे साथ आतंकियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है. महामंडलेश्वर द्वारा जारी पत्र में उन्होंने उल्लेख किया कि देश की आजादी हमारे पूर्वजों ने सतत संघर्ष और बलिदान के साथ प्राप्त की. वहीं एक समुदाय ने अखंड भारत में हिंदुओं के साथ रहने से मना कर दिया.
मोहम्मद अली जिन्ना के साथ एक अलग मुस्लिम राष्ट्र की मांग की. जिसके आधार पर 14 अगस्त सन 1947 को भारत का विभाजन हुआ और मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान बना. दुर्भाग्य की बात यह रही 15 अगस्त 1947 को शेष भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित होना था. लेकिन तत्कालीन सरकार एवं महात्मा गांधी की हठधर्मिता के कारण भारत में रहने वाले हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया गया. पाकिस्तान की मांग करने के बावजूद भारत में रहने वाले मुसलमानों को विशेष अधिकार दे दिए गए .
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महामंडलेश्वर ने कहा कि उस समय संविधान निर्माताओं ने संविधान में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की बात कही थी. जिसे 70 साल की सरकारों ने कभी अमल में नहीं लाने दिया. आज केंद्र सरकार यह कानून लाना चाहती है. सभी भारतवासियों का कर्तव्य बनता है कि समान नागरिक संहिता बिल का समर्थन कर उन लोगों को जवाब दें, जो भारत में शरिया कानून लागू करना चाहते हैं, 2047 तक गजवा ए हिंद बनाना चाहते हैं, वंदे मातरम का विरोध करते हैं. आज सभी राष्ट्रवादियों को सरकार के साथ खड़े होने की आवश्यकता है.
रिपोर्ट- आलोक अलीगढ़