अलीगढ़ : नगर निकाय चुनाव में आरक्षण की घोषणा हो चुकी है. अलीगढ़ में पहले ओबीसी महिला के लिए सीट आरक्षित थी, लेकिन नए सिरे से जारी आरक्षण में अलीगढ़ महापौर की सीट अनारक्षित है. इस बार अलीगढ़ नगर निगम का दायरा बढ़ा है. जिससे जातीय गणित भी बदला है. शहर में ओबीसी के साथ सामान्य जाति का वोट भी बढ़ा है. वहीं राजनैतिक दल अपने संगठन को लेकर पूरी तैयारी का दावा कर रहे है. किसी भी चुनाव में पार्टी संगठन की बड़ी भूमिका होती है, लेकिन अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी की इकाई भांग पड़ी है. इन इकाइयों को खड़ा करने के बाद ही समाजवादी पार्टी चुनाव की तैयारी में जुटेगी.
समाजवादी पार्टी के निवर्तमान जिलाध्यक्ष गिरीश यादव ने बताया कि प्रदेश भर में 38 जिलों में जिला संगठन की इकाई घोषित करना अभी बाकी है. वहीं 17 नगर निकाय में से केवल दो जगह पर जिलाध्यक्ष नियुक्त हैं. वही 15 नगर निकाय वाले क्षेत्रों में जिला स्तरीय कार्यकारिणी अभी भंग पड़ी है. उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत रिजर्वेशन में बदलाव हुआ है. समाजवादी पार्टी उसी के अनुसार चुनाव लड़ेगी, और पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन समाजवादी पार्टी की जिला स्तरीय कार्यकारिणी अभी भंग पड़ी है, जल्द ही जिला लेवल पर कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा. वहीं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संतोष सिंह ने बताया कि हमारी तैयारी पूरी है. संगठन चुनाव को लेकर तैयार है.
वहीं अलीगढ़ नगर निगम पर बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद फुरकान का कब्जा था. पिछले नगर निकाय चुनाव में बसपा ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डा राजीव अग्रवाल को हराकर नगर निगम महापौर का चुनाव जीता था. बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रतन दीप सिंह ने बताया कि चुनाव को लेकर अच्छी तैयारी है. नगर निगम का चुनावी क्षेत्र दो विधानसभाओं में आता है. महानगर की कमेटी बूथ पर कार्यकर्ताओं के साथ काम कर रही है. वहीं केंद्रीय कमेटी भी लंबे समय से चुनाव को लेकर तैयारी कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि मजबूत दावेदार के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे. पूर्व जिलाध्यक्ष रतनदीप सिंह ने बताया कि ओबीसी के तहत पहले मजबूत तैयारी थी. पिछली बार बसपा ने मेयर सीट पर जीत दर्ज की थी. इस बार महापौर के अच्छे काम को लेकर एक बार फिर से जीत दर्ज करेंगे. उन्होंने बताया कि हमारे प्रत्याशी की सर्व समाज में अच्छी छवि है.
हालांकि भाजपा के जिलाध्यक्ष व एमएलसी ऋषि पाल सिंह ने बताया कि नगर निकाय चुनाव की पूरी तैयारी है. भाजपा पांच साल चुनावी मोड में काम करती है. सभी बूथों पर पन्ना प्रमुख बनाए गए हैं. वहीं बूथ कमेटी भी बन गई है. कई वार्डों में संचालन टोली भी बन गई है. युवाओं, महिलाओं, ओबीसी समाज के बीच सम्मेलन कराए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले ओबीसी के नेता टिकट की दावेदारी कर रहे थे. वहीं अब सीट अनारक्षित होने पर दावेदार और बढ़ेंगे. अलीगढ़ में पहले महिला ओबीसी के लिए आरक्षण था. लेकिन अब नई व्यवस्था में दांव पलट गया है. कई ओबीसी नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया है. अब नगर निकाय चुनाव में नए चेहरे भी नजर आएंगे.
रिपोर्ट- आलोक सिंह
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