अलीगढ़ : समाजवादी पार्टी ने अलीगढ़ जिले में जिलाध्यक्ष के पद पर छर्रा विधानसभा से चुनाव लड़ने वाली लक्ष्मी धनगर को बनाया है. इससे पहले अलीगढ़ में गिरीश यादव जिलाध्यक्ष थे. जिलाध्यक्ष पद बनने की होड़ में कई नेताओं ने आवेदन किए थे. जिनमें पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक यादव, नि. महानगर महासचिव मनोज यादव व अन्य नाम शामिल थे. लेकिन अब की कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी आलाकमान किसी गैर यादव को जिलाध्यक्ष बनाएगी. इससे पहले जिलाध्यक्ष बनने वालों में रक्षपाल सिंह, अशोक यादव, गिरीश यादन जिलाअध्यक्ष रहे. लेकिन इस बार एक महिला लक्ष्मी धनगर को जिलाध्यक्ष बनाकर समाजवादी पार्टी ने अलीगढ़ में बघेल व धनगर समाज को साधने और पार्टी से जुड़ने का रास्ता खोला है. अब देखना यह कि लक्ष्मी धनगर बघेल समाज को कितना पार्टी से जोड़ पाएंगी.और पार्टी के अंदर गुटबाजी करने वालों को कैसे साथ लेकर आगे बढ़ेगी.
लक्ष्मी धनगर जमीनी स्तर की नेता है. बहुत कम समय में ही उन्होंने राजनीति की बुलंदियों को छू लिया. 2019 में राजनीति में उतरी और निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ा और 2019 लोकसभा चुनाव में 9 हजार वोट मिले थे और चौथे नंबर पर रही. इसके बाद 16 जनवरी 2021 को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और छर्रा विधानसभा से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा. 90 हजार वोट पाकर दूसरे नंबर पर रही. लक्ष्मी धनगर मैनपुरी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारकों में रही हैं. अलीगढ़ के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी महिला को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. लक्ष्मी सिंह धनगर टीकाराम महाविद्यालय से एमए किया है. लक्ष्मी अखिल भारतीय धनगर समाज महासंघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है.
जानकार बताते हैं कि बहुत सोच समझ कर धनगर समाज की महिला को जिलाध्यक्ष बनाया गया है, क्योंकि समाजवादी पार्टी सामाजिक ताने-बाने को अच्छी तरह समझती है और 2024 लोकसभा चुनाव निकट है. उससे पहले नगर पंचायत के चुनाव भी होने हैं. सपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मी धनगर ने बताया कि जो जिम्मेदारी दी गई है उसे बहुत शिद्दत से निभाएंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी लोगों को साथ में लेकर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि जो भी सीनियर लीडर है सब को सम्मान के साथ पार्टी को लेकर आगे बढ़ेंगी.
रिपोर्ट- आलोक सिंह, अलीगढ़
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