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अलीगढ़: चलती बस में महिला ने बेटी को दिया जन्म, परिजन की तरह सहयोग में खड़े हुए चालक-कंडक्टर और यात्री

यूपी के अलीगढ़ में चलती बस में महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया. गर्भवती महिला पति के साथ दिल्ली से आजमगढ़ के सगड़ी इलाके को जा रही थी. ड्राइवर ने बस तेजी से सरकारी अस्पताल की तरफ दौड़ाई. बस में मौजूद एक महिला ने प्रसव के दौरान पूरी मदद की और बस के अंदर ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया.

अलीगढ़ . यूपी के अलीगढ़ में चलती बस में महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया. इस दौरान रोडवेज बस में सवार 54 यात्री , ड्राइवर व कंडक्टर का परिवार की तरह सहयोग मिला. गर्भवती महिला पति के साथ दिल्ली से आजमगढ़ के सगड़ी इलाके को जा रही थी. वहीं, जेवर टोल प्लाजा के बाद प्रसव पीड़ा हुई. इस दौरान ड्राइवर और कंडक्टर को स्थिति बताई गई. ड्राइवर ने बस तेजी से सरकारी अस्पताल की तरफ दौड़ाई. बस में मौजूद एक महिला ने प्रसव के दौरान पूरी मदद की और बस के अंदर ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. इस दौरान बस टप्पल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची और स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ ने मां और बच्चे को अस्पताल में सुविधा दी गई. बच्ची के सकुशल जन्म होने पर खुशी का इजहार किया गया. मां और नवजात शिशु को दो घंटे अस्पताल में रेस्ट करने के बाद पूरी सवारियों को बस से आजमगढ़ के लिए रवाना किया गया.

आजमगढ़ के लिए चले थे पति-पत्नी

आनंद विहार बस अड्डे पर शशि कला और पवन अपने गांव आजमगढ़ जाने के लिए शाहगंज डिपो के बस में सवार हुए . शशि कला को सात माह का गर्भ था. बस यमुना एक्सप्रेसवे के जेवर टोल प्लाजा पर पहुंची, तो शशि कला को दर्द का एहसास होने लगा. वहीं जेवर टोल प्लाजा पार करने के बाद शशि कला की हालत गंभीर होने लगी. उस समय रोडवेज बस में 54 यात्री सवार थे, जो आजमगढ़ के लिए जा रहे थे. अचानक प्रसव पीड़ा बढ़ने पर बस में शोर-शराबा होने लगा. इस दौरान बस के चालक अनुज दुबे और कंडक्टर बालकृष्ण चौबे ने पूरी मदद की. कंडक्टर बालकृष्ण चौबे ने शशि को बस के अंदर सीट पर आराम से लेटने के लिये जगह कराई. वहीं चालक को बताया कि रास्ते में जो भी पहला नजदीकी हॉस्पिटल पड़े. बस को वहां लेकर चलिए. इस दौरान गाड़ी के यात्रियों ने पूरा सहयोग किया. गाड़ी के ड्राइवर अनुज ने सीधे टप्पल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर चल पड़े. लेकिन, बस में ही शशि कला को प्रसव पीड़ा बढ़ गई और रोडवेज बस में ही ललिता नाम की महिला ने प्रसव कराने में मदद की. हालांकि रोडवेज बस जब टप्पल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची. उससे पहले ही अस्पताल के गेट पर शशि कला ने बच्ची को जन्म दिया.

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चालक-कंडक्टर और यात्रियों ने किया सहयोग

इस दौरान कंडक्टर सरकारी अस्पताल में गया और स्टाफ नर्स को पूरी बात बताई. सरकारी अस्पताल का पूरा स्टाफ बस से जच्चा बच्चा को अस्पताल में भर्ती किया और प्राथमिक उपचार दिया. मां शशि कला और बेटी दोनों सकुशल स्वस्थ है. पति पवन ने बताया कि आजमगढ़ के सगड़ी तहसील के ओगढ़ गांव के रहने वाले हैं और दिल्ली से आजमगढ़ के लिए निकले थे. पवन ने बताया कि डिलीवरी बस के अंदर हुई और दोनों स्वस्थ हैं . बस के कंडक्टर बालकृष्ण चौबे ने बताया कि महिला ने रास्ते में बताया कि दिक्कत हो रही है. महिला को सीट पर लेटने का इंतजाम कराया. वहीं महिला ने प्रसव पीड़ा होने की बात बताई तो कंडक्टर ने ड्राइवर से कहा कि जहां सबसे नजदीक सरकारी अस्पताल हो वहां बस को लेकर चलो. बस के यात्रियों ने पूरा सहयोग किया. इस दौरान बस के अंदर ही बच्ची का जन्म हुआ.

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