अलीगढ़. विश्व रक्तदान दिवस पर अलीगढ़ में ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन मलखान सिंह जिला अस्पताल में किया गया. इस मौके पर रक्तदानियों में गजब का उत्साह देखने को मिला. आम पब्लिक के साथ अधिकारियों ने भी बढ़-चढ़कर रक्तदान में हिस्सा लिया. कई बार रक्तदान कर चुके रक्तदानी भी सामने आए. इस मौके पर कमिश्नर रणदीप रिणवा ने कहा कि जो स्वस्थ है वह अपना रक्तदान करें. देश में अभी स्वैच्छिक रक्तदान की आवश्यकता है. स्वस्थ रक्त दान करना बहुत सेफ है. 90 दिन में खून की कमी दूर हो जाती है. उन्होंने कहा कि जो भी स्वस्थ है वह रक्तदान जरूर करें. उन्होंने कहा कि रक्तदान और अंगदान दोनों की ही समाज में बहुत जरूरत है.
जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि जो ट्रामा और एक्सीडेंटल केस होते हैं. जिसमें मरीज को तत्काल ब्लड की जरूरत होती है. कई बार ब्लड बैंक में ब्लड उपलब्ध नहीं होने के कारण जीवन बचाना मुश्किल हो जाता है. रक्तदान करने से शरीर स्वस्थ रहता है. नई रक्त कोशिकाएं निर्मित होती है. उन्होंने कहा कि अगर व्यक्ति स्वस्थ है. तो उसे रक्तदान करना चाहिए. मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीरज त्यागी ने बताया कि विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष में स्वैच्छिक रक्तदान का आयोजन किया गया है. उन्होंने बताया कि बहुत सी दुर्घटनाओं में ब्लड की जरूरत पड़ती है. ऐसे में ब्लड संग्रहित रहने से जान को आसानी से बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि एक ब्लड डोनर द्वारा 4 लोगों की जान बचाई जा सकती है.
गभाना के रहने वाले अजय चौधरी जिले में सबसे अधिक बार रक्तदान करने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. उनके इस प्रयास से अनगिनत बार लोग असमय मौत के मुंह में जाने से बच चुके हैं. रक्तदान को लेकर उनमें ऐसा जुनून है कि वे दिन में कम से कम एक व्यक्ति को रक्तदान के फायदे गिनाने से लेकर उसे रक्तदान करने को प्रेरित करने का काम करते हैं. अजय चौधरी पिछले 40 साल से रक्तदान करते आ रहे हैं और अब तक 202 बार रक्तदान कर चुके हैं. उनके द्वारा चलाई जा रही सत्यमन मानव सेवा संस्था से करीब 15 सौ सदस्य जुड़े हैं. जो लगातार रक्तदान करते हैं और किसी को खून की जरूरत पड़ने पर बस एक फोन कॉल पर तुरंत रक्तदान करने पर दौड़ पड़ते हैं. अजय चौधरी अब तक 200 से अधिक रक्तदान शिविर का आयोजन भी कर चुके हैं.
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अजय चौधरी रक्तदान के साथ अंगदान का भी संकल्प ले चुके हैं. परिवार के अन्य लोग भी रक्तदान करने में आगे हैं. खून बढ़ाने के सवाल पर अजय कहते हैं कि कुछ खास नहीं खाते हैं. बाजरे की रोटी खाते हैं. वह बताते हैं कि बेटी के शादी वाले दिन भी उन्होंने ब्लड डोनेशन कैंप लगाया था. चौधरी अजय सिंह साल में 5 बार रक्तदान करते हैं. 61 साल के हो चुके अजय के साथ उनकी धर्म पत्नी सुशीला सिंह ने अब तक 48 बार, बेटी डॉक्टर शेफाली सिंह ने 32 बार, डॉक्टर आकांक्षा ने 30 बार के अलावा बेटे नितिन ने 25 बार रक्तदान किया है.
रिपोर्ट- आलोक सिंह अलीगढ़