Prayagaraj News: प्रयागराज जिले में मनमानी पुलिसिंग को लेकर आठ पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गाज गिरी है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने अपराधी को शरण देने के मामले में आरोपियों को बगैर लिखा पढ़ी के थाने से छोड़ने के मामले में चार दारोगा और चार सिपाहियों को निलंबित कर दिया है. मामला शाहगंज थाने का है.
फिलहाल इंस्पेक्टर कोतवाली की भूमिका को लेकर जांच जारी है. पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को बताया कि यदि इंस्पेक्टर भी जांच में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, मामला हिमाचल प्रदेश से जुड़ा है. हिमाचल का रहने वाला डेविड पिछले साल एक मुकदमे में पेशी पर ले जाते वक्त पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था. हाल में ही हिमाचल पुलिस को सूचना मिली कि डेविड प्रयागराज के कोतवाली थाना अंतर्गत एक लॉज में छिपा है. हिमाचल पुलिस ने कोतवाली पुलिस से मदद मांगी. प्रभारी ने दो सिपाहियों, कोतवाली और शाहगंज थाने के एक-एक चौकी इंचार्ज के साथ शनिवार की रात शाहगंज क्षेत्र स्थित एक लॉज में छापा मारा.
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महावीर सिंह, सब इंस्पेक्टर
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वरुण कांत प्रताप सिंह, सब इंस्पेक्टर
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राजीव श्रीवास्तव, सब इंस्पेक्टर
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विश्वेन्द्र प्रताप यादव, सब इंस्पेक्टर
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संतोष कुमार यादव, आरक्षी
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अनुराग यादव, आरक्षी
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जयकांत पांडेय , आरक्षी
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अपनीश, आरक्षी
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अभी मामले की जांच जारी हैं. इन सभी पर मुख्यतः स्वेच्छाचारी ढंग से दबिश देना, दबिश के बाद हिरासत में लिए गए लोगों के बारे में थाना प्रभारी समेत किसी भी उच्चाधिकारी को सूचना ना देना, अवैध वसूली की प्रबल संभावना होना आदि आरोप थे, जिनकी जांच कराने पर आरोप सही पाए गए हैं. प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नरेंद्र प्रसाद की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है. अगर दोषी पाए गए तो कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा पुलिसिंग को लेकर लापरवाही और साठ-गांठ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जायेगी. दोषी कोई भी हो सख्त कार्रवाई होगी.
अजय कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक
रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज