Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने मुजफ्फरनगर के गौरव उर्फ गौरा की नारकोटिक्स ड्रग्स एक्ट के तहत दर्ज मामले में दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए 13 दिसंबर को डीजीपी को तलब किया है. 23 बरसों में पुलिस ने याची पर 49 आपराधिक केस दर्ज किए हैं. अधिकांश मुकदमों में याची बरी हो गया. कुछ मुकदमों में पुलिस ने गलती से शामिल होना मानकर वापस ले लिया है.
जानकारी के मुताबिक, अब प्रयागराज के शिवकुटी थाना पुलिस द्वारा चेन लूट के एक केस में फर्जी तरीके से एक युवक को जेल भेजने के मामले में इंस्पेक्टर समेत सात लोगों पर मुकदमा चलेगा. इस मामले में मुकदमे के विवेचक के अलावा कर्नलगंज थाने के छह पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. जिसके लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
दरअसल, पांच दिन पहले गयासुद्दीनपुर, धूमनगंज निवासी संतोष रावत को शिवकुटी पुलिस ने चेन लूट मामले का खुलासा करते हुए फर्जी तरीके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोपी ने कोर्ट में अर्जी देकर बताया कि 27 जून 2019 को नया पुरवा, शिवकुटी में हुई चेन लूट की जिस घटना में उसे जेल भेजा गया उसमे वह शामिल नहीं था. 14 मई 2019 से एक जुलाई 2019 तक नैनी जेल में बंद था. विवेचना में उसका नाम अज्ञात के तौर पर फर्जी तरीके से प्रकाश में लाया गया.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मामले से संबंधित पत्रावलियों के अवलोकन के बाद कथित अभियुक्त को आरोप मुक्त कर दिया. साथ ही कोर्ट ने विवेचक व संबंधित गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम पर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया. जिसमे इंस्पेक्टर समेत दो दरोगा व चार कांस्टेबल शामिल है. अब फर्जी गिरफ्तारी मामले में सभी पर मुकदमा चलेगा.
रिपोर्ट : एसके इलाहाबादी