Mauni Amavasya 2023: मौनी अमावस्या के स्नान पर्व के लिए प्रयारागज माघ मेला में श्रद्धालुओं की रिकार्ड भीड़ जुटने लगी है. देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु यहां शुभ मुहूर्त में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं. संगम में मौनी अमावस्या के स्नान पर्व का कई गुना पुण्य मिलता है. इसलिए अभी से मेला क्षेत्र में भीड़ उमड़ने लगी है. इस बार दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के मौनी अमावस्या पर यहां आस्था का पवित्र स्नान करने की संभावना है.
इसके लिए यहां घाटों की संख्या बढ़ाकर 17 कर दी गई है. पहले 15 घाटों पर स्नान सुविधाएं मुहैया कराई गई थी. अब सभी घाटों पर विशेष इंतजाम किए गए हैं. श्रद्धालुओं के इतनी अधिक संख्या में जुटने के कारण यहां घाटों का दायरा 800 मीटर तक बढ़ा भी दिया गया है.
मान्यता है कि समुद्र मंथन के बाद अमृत कलश के लिए जब देवताओं और असुरों में छीना-झपटी हो रही थी, उस समय अमृत की कुछ बूंदें संगम, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं. इस वजह से उत्तम तिथियों पर यहां स्नान करने से अमृत की बूंदों का स्पर्श प्राप्त होता है. इसलिए प्रयाजराज के संगम में स्नान करना विशेष पुण्य दिलाने वाला होता है.
ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) पर जो भी मनुष्य मौन होकर त्रिवेणी में स्नान करता है भगवान उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त (Mauni Amavasya 2023 Date) 21 जनवरी 2023 दिन शनिवार को सुबह 06 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रहा है और अगले दिन 22 जनवरी 2023, दिन रविवार को पूर्वाह्न 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो रही है.
खास बात है इस बार मौनी अमावस्या पर सीसीटीवी कैमरा के अलावा बॉडी वार्न कैमरे से ऑनलाइन निगरानी की जाएगी. इन कैमरों से लैस पुलिसकर्मी मेला क्षेत्र के सघन भीड़ वाले स्थानों पर तैनात रहेंगे. कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मी कैमरों के जरिए लाइव स्थिति देख सकेंगे. इससे मेला क्षेत्र की निगरानी बेहतर तरीके से हो सकेगी. मेला क्षेत्र, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित कुल 36 स्थानों पर बॉडी वार्न कैमरे से लैस 72 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है.
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श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए संगम पर फ्लोटिंग चौकी बनाई गई है. साथ ही स्नान पर्व को लेकर संगम पर एटीएस, एसटीएफ के कमांडो तैनात किए गए हैं. मेले में सिर्फ पुलिस के ही अधिकृत ड्रोन उड़ेंगे. वहीं शनिवार को मौनी अमावस्या तथा अन्य प्रमुख स्नान पर्व के दिन अक्षयवट दर्शन के लिए बंद रहेगा.