Prayagraj News: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी) के द्वारा लिखी गई ‘मोहम्मद’ किताब पर भी प्रतिबंध लगाने के लिए हजरत ख्वाजा गरीब नवाज एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद यूसुफ उमर अंसारी की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता का कहना है कि राजनीति में पैगंबर मोहम्मद और पवित्र ग्रंथ कुरान को नहीं लाना चाहिए. वसीम रिज़वी धर्म को लेकर लगातार विवादित बयान देते रहे हैं. इससे माहौल बिगड़ता है. पैगंबर मोहम्मद साहब की दुनिया भर में इबादत की जाती है और पवित्र ग्रंथ कुरान भी 58 इस्लामिक देशों में मानी व पढ़ी जाती है. इसमें कोई भी संशोधन नहीं किया जा सकता है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि पूरे विश्व में एक ही किताब पब्लिश होती है. उसमें टिप्पणी करना या संशोधन की बात करना सिर्फ विश्वस्तरीय माहौल बिगाड़ने से ज्यादा और कुछ नहीं. वसीम रिजवी भारत की संस्कृति, सभ्यता, एकता और अखंडता को तोड़ने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी पर करीब 27 मुकदमे दर्ज हैं. उन पर देशद्रोह का मुकदमा और लीगल एक्शन की कार्रवाई होनी चाहिए.
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याचिकाकर्ता की वकील सहर नकवी का कहना है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर वसीम रिज़वी के खिलाफ इलाहाबाद हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. उन्हें उम्मीद है हाईकोर्ट मामले में जल्द सुनवाई करेगी. इसके अलावा, हाईकोर्ट से उनकी किताब को प्रतिबंधित करने की भी गुहार लगाई गई है. साथ ही उनके द्वारा कहे और लिखे गए पोस्ट को सोशल साइट से डिलीट कराने की भी मांग की गई है.
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(रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, वाराणसी)