11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Prayagraj News: मैनपुरी में छात्रा की मौत के मामले में कोर्ट ने कहा- क्या कहें जब पूरी पुलिस फोर्स ही अक्षम है

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ने मैनपुरी के नवोदय विद्यालय में छात्रा की मौत के मामले में सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट की बेंच ने कहा है कि, क्या कहें पूरी पुलिस फोर्स ही अक्षम है. याचिकाओं को सुनवाई के लिए दो दिसंबर को पेश करने का निर्देश दिया.

Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मैनपुरी के नवोदय विद्यालय में छात्रा की मौत के मामले में पेश पुलिस की रिपोर्ट को लेने से इंकार कर दिया. कोर्ट कहा कि पूरी रिपोर्ट पेश करें. इसके साथ ही कोर्ट ने मृत छात्रा की मां की तरफ से सीबीआई जांच की मांग के लिए दाखिल याचिका की जानकारी न देने पर नाराजगी जताई.

क्या कहें पूरी पुलिस फोर्स ही अक्षम है- कोर्ट

दरअसल, मामले में सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, क्या कहें पूरी पुलिस फोर्स ही अक्षम है. याचिकाओं को सुनवाई के लिए दो दिसंबर को पेश करने का निर्देश दिया.

नहीं मिले हत्या के साक्ष्य

राज्य सरकार ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, अब तक हत्या के साक्ष्य नहीं मिले हैं. एसआईटी ने हर संभव पहलू पर विचार किया. छात्रा ने आत्महत्या की है, जिसकी पारिवारिक वजह हो सकती है. सरकार की तरफ से बताया गया कि 277 संदिग्धों की डीएनए जांच में अपराधी का पता नहीं चल सका है. रिपोर्ट की जांच फिर से की जा रही है.

Also Read: Prayagraj News: हवा में था 180 यात्रियों से भरा इंडिगो का विमान, फिर अचानक हुआ तकनीकी खराबी का अनाउंस….
देरी से सूचना पर कोर्ट ने जताई नाराजगी

कोर्ट ने सरकार की तरफ से पेश अधिवक्ता से पूछा कि छात्रा की मौत की सूचना परिजनों को क्यों नहीं दी गई. जिसके जवाब में वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि मृतक छात्रा की मां को फोन किया गया था, लेकिन उनका फोन नहीं उठा था. छात्रा को फंदे से उतारकर सुबह सवा छह बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन तब तक मौत हो चुकी थी. 11:10 बजे पुलिस को सूचना दी गई. जिसपर कोर्ट ने पूछा कि पुलिस को सूचना देने में पांच घंटे क्यों लगे. जिसे वरिष्ठ अधिवक्ता ने लोकल पुलिस की लापरवाही बताया.

Also Read: Prayagraj News: कंगान रनौत के बयान पर किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर खफा, बताया-लोकतंत्र और संविधान का अपमान

कोर्ट ने पूछा की दो साल बीत जाने के बाद भी आज तक नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी क्या सरकार ऐसा डाटा दे सकती है जिनमें नामजद हत्या का मुकदमा दर्ज हो और गिरफ्तारी किए बगैर जांच की जा रही हो. इस पर चतुर्वेदी ने कहा कि यदि कोर्ट कहे तो छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाए. जिसपर कोर्ट ने कहा यह पुलिस का काम है.

मृतका के कपड़े पर मिला…

याची की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि, घटना से पहले मृत छात्रा ने मां से शिकायत करते हुए पिता के साथ आने को कहा था. मृतका के कपड़े पर सीमेन मिला है. पंचनामा में शरीर पर चोट है. लाश भी परिवार को नहीं दी गई. दोबारा पोस्टमार्टम नहीं कराया.

नहीं किया गया था अंतिम संस्कार

सरकारी वकील ने कहा कि मां से पूछताछ की तो चक्कर का बहाना बनाया. तीन डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया, जिसका परीक्षण एम्स के डॉक्टरों से कराई गई है. लाश मां को सौंपी गई. याची ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में पुलिस ने लाश गंगा में बहा दी थी. अंतिम संस्कार नहीं किया गया था.

रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें