Prayagraj News: प्रयागराज में कार्तिक मास के दौरान लगने वाले मेले में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. इस बार कोरोना गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर स्नान और पूजन हो रहा है. कार्तिक स्नान के लिए तीर्थराज प्रयाग, अयोध्या, कुरुक्षेत्र और काशी को सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इन स्थानों पर नहीं पहुंच सकते हैं तो स्नान के दौरान इनका स्मरण कर सकते हैं. संगम में स्नान का विशेष महत्व माना गया है.
दूसरी तरफ गुलाबी ठंड के बढ़ने के साथ ही प्रयागराज के संगम क्षेत्र में विदेशी मेहमानों का आगमन हो रहा है. यहां साइबेरियन पक्षियों का आना शुरू हो गया है. सफेद रंग के साइबेरियन पक्षी संगम आने वाले दर्शनार्थियों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. संगम पर कल-कल करती मां गंगा की धाराओं पर अठखेलियां करते साइबेरियन पक्षी सूर्योदय और सूर्यास्त के साथ ही सफेद दूध से नहाए मोती जैसे प्रतीत होते हैं.
अक्टूबर माह के आखिर में संगम पहुंचने वाले साइबेरियन पक्षी करीब यहां पांच महीने रहते हैं. संगम पहुंचने वाले मेहमान यहीं पर प्रजनन करते हैं. अप्रैल के आखिरी माह में पक्षी यहां से विदा लेते हैं. प्रयागराज संगम की रेती पर प्रवासी पक्षी श्रद्धालुओं के आकर्षण का मुख्य केंद्र होते हैं. संगम पर इठलाती लहरों पर नौकायन करने वाले श्रद्धालु बड़े चाव से विदेशी मेहमानों को दाना भी डालते हैं. साथ ही साथ श्रद्धालु इनकी वीडियो और फोटो को अपने मोबाइल और कैमरे में कैद करने से भी नहीं भूलते हैं.
Also Read: Kartik Maas 2021: कार्तिक मास हो चुका है शुरू, पालन करें ये नियम और भगवान विष्णु को करें प्रसन्नकार्तिक महीने की बात करें तो इस महीने एक साथ पूजा करने से सभी देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है. हिन्दू धर्मग्रंथों के मुताबिक कार्तिक महीने में व्रत, स्नान और दान का काफी महत्व है. कार्तिक मास में व्रत, स्नान और दान से पाप का नाश होता है और सुख, शांति, मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस महीने पवित्र नदियों और जलाशयों में स्नान का महत्व ज्यादा हो जाता है. इस दिन व्रत का भी महत्व है, व्रत रखकर भगवान के स्मरण से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल मिलता है और सूर्यलोक की प्राप्ति होती है.
(रिपोर्ट: एसके इलाहाबादी, प्रयागराज)