प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी से फर्जी पैन कार्ड हासिल करने के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और उनके बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी.
Allahabad HC rejects bail pleas of Samajwadi Party leader Azam Khan & his son in forgery case
— Press Trust of India (@PTI_News) November 26, 2020
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने कहा, ”आरोपितों की स्थिति, अपराधों की पुनरावृत्ति और व्यापक प्रभाव, जिसे प्रदेश के विभिन्न विभागों में उन्होंने उपयोग किया है, को देखते हुए साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की आशंका है. ऐसी परिस्थिति में जमानत देना जनहित में नहीं होगा. इसलिए जमानत याचिका खारिज की जाती है.”
इसके साथ ही अदालत ने कहा कि सुनवाई में तथ्य पेश किये जाने और गवाहों के बयानों के बाद जमानत के लिए आवेदक अदालत से संपर्क करने को स्वतंत्र हैं. अदालत ने कहा, ”फर्जी जन्मतिथि आजम खान के कैबिनेट मंत्री रहते हासिल की गयी, क्योंकि नगर निगम उनके मंत्रालय के अधीन था. इन आरोपों से गहरे आपराधिक षड्यंत्र, पद के दुरुपयोग की झलक मिलती है.”
वहीं, मामले की प्राथमिकी में कहा गया है कि मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान के नाम पर जारी एक पैन कार्ड में उनकी जन्मतिथि एक जनवरी, 1993 अंकित है, जो हाईस्कूल के प्रमाणपत्र के अनुसार है. यह पैन मोहम्मद अब्दुल्ला के बैंक खाते से जुड़ा है.
इसमें आरोप लगाया गया है कि मोहम्मद अब्दुल्ला ने 24 जनवरी, 2017 को 34 स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया, जिसमें उन्होंने बैंक खाते की पासबुक जमा की. इस पासबुक में एक अन्य ‘पैन’ का उल्लेख था, जिसमें दूसरी जन्मतिथि अंकित थी.
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि मोहम्मद अब्दुल्ला खान ने गलत ‘पैन’ का उल्लेख कर, जिसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 दर्ज थी, नामांकन पत्र दाखिल करने में अपने पिता के साथ मिलकर षड्यंत्र किया, जबकि पहले के पैन में जन्मतिथि एक जनवरी, 1993 उल्लिखित थी.