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Azam Khan: सपा नेता आजम खान को मिली जमानत लेकिन अभी सीतापुर जेल में ही होगा रहना

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को आखिरकार अंतिम मामले में भी जमानत मिल गयी है. लेकिन अभी उन्हें सीतापुर जेल में ही रहना पड़ेगा. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने 5 मई को फैसला सुरक्षित किया था.

Prayagraj News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को हाईकोर्ट से आखिरी मामले में भी जमानत मिल गयी है. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है. 5 मई को उन्होंने यह फैसला सुरक्षित किया था. हालांकि हाल ही में एक अन्य मामले में एफआईआर दर्ज होने के कारण अभी आजम खान को सीतापुर जेल से रिहाई नहीं मिल पायेगी.

सपा नेता और पूर्व मंत्री आजम खान की जमानत मंजूर हो गयी है. वक्फ बोर्ड (शत्रु संपत्ति) की जमीन गलत तरीके से अपने पक्ष में कराने के मामले में उन पर मुकदमा दर्ज हुआ था. अगस्त 2019 में लखनऊ में पत्रकार अल्लामा जमीर नकवी ने उन पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. बाद में रामपुर के अजीम नगर थाने में इस मुकदमे को ट्रांसफर किया गया था. इस मामले में पहले 4 दिसंबर 2021 को फैसला सुरक्षित हो गया था.

26 महीने से बंद है सीतापुर जेल में

इस मामले में राज्य सरकार ने एक अर्जी दाखिल कर कुछ नए तथ्य पेश करने की मांग कोर्ट से की थी. जिसके बाद कोर्ट ने दोबारा मामले की सुनवाई शुरू की थी. आजम खान के खिलाफ 88 मुकदमे दर्ज हुए हैं. इस मामले को मिलाकर 87 मामलों में आजम खान की जमानत मंजूर हो चुकी है. गौरतलब है कि आजम खान 26 महीने से सीतापुर जेल में बंद हैं.

तीन स्कूलों की फर्जी मान्यता का मुकदमा दर्ज

सपा के फायर ब्रांड नेता कहे जाने वाले आजम खान की मुश्किलें अभी कम नहीं हुयी हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अंतिम मुकदमे की सुनवाई पूरी होने और फैसला सुरक्षित होने के बाद आजम खान पर तीन स्कूलों की फर्जी कागजात से मान्यता लेने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था.

कभी कहे जाते थे मिनी सीएम

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुलायम परिवार के करीबी आजम खान रामपुर शहर विधानसभा सीट से 9 बार चुनाव जीत चुके हैं. कभी मिनी सीएम कहे जाने वाले आजम खान के खिलाफ 102 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से नौ मुकदमे शासन ने वापस ले लिए थे. आजम, उनकी पत्‍नी विधायक तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ सबसे अधिक मुकदमे 2019 में दर्ज किए गए थे.

कई मामलों में कोर्ट से गैरहाजिर रहने के कारण उनकी कुर्की के आदेश भी तामील हुए थे. इसी के चलते आज़म खां ने 26 फरवरी 2020 को पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था. करीब 10 महीने बाद 34 मामलों में जमानत मिलने के बाद तंजीन फातिमा दिसंबर 2020 में रिहा हो पायी थी.

आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की उम्र को लेकर विवाद हो गया था. उनके दो जन्म प्रमाण पत्र जारी कराए गए थे. इनमें से एक रामपुर और एक लखनऊ का था. अब्दुल्ला आजम खान की उम्र के विवाद के कारण हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी को रद्द कर दिया था. इससे उनका निर्वाचन शून्य हो गया था. उन पर भी 45 मुकदमें दर्ज किये गये थे. हालांकि वह भी जमानत पर रिहा हो चुके हैं.

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