Conjunctivitis : आई फ्लू के उपचार में लापरवाही पड़ सकती है भारी, डेंजरस है स्टेरॉयड वाले आई ड्रॉप्स

Meenakshi Rai

Conjunctivitis : आंख आना या आई फ्लू के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. कई लोग खुद से ही इसका इलाज शुरू कर देते हैं. बच्चा हो बुजुर्ग सबके इलाज के लिए घरों में एक ही आईड्रॉप का इस्तेमाल होता है. कुछ लोग तो ऐसे आईड्रॉप्स का इस्तेमाल करते हैं जिसमें स्टेरॉयड की अधिकता हो सकती है. इससे थोड़ी देर के लिए राहत महसूस होती है लेकिन बाद के लिए बड़ी प्रॉब्लम शुरू हो जाती है.स्‍टेरॉयड वाले आई ड्रॉप्‍स का इस्‍तेमाल करने के दो सप्‍ताह बाद कॉर्निया में धब्‍बे आ सकते हैं.

Conjunctivitis | unsplash

Conjunctivitis :

सीज़नल आई फ्लू या आंख आना में दोनों आंखें अचानक लाल हो जाती हैं. इसमें आंखों में इंफेक्शन, दर्द और इंफलामेशन यानी जलन की समस्या होती है. आंख से पानी आने के साथ पलकों में सूजन हो जाती है.

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कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis)  वायरस के कारण होता है और यह काफी तेजी से फैलता है.कई बार इस संक्रमण के वायरल होने का खतरा भी रहता है, जिसका समय पर इलाज बहुत ही जरूरी है.

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किसी भी पर्सनल यूज की चीज को शेयर करने जैसे टॉवल ,बैडशीट हो या लैपटॉप से इंफेक्शन बढ़ सकता है.

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यदि आप अपने हाथों को धोकर रखेंगे और आंखों को साफ रखेंगे या चेहरा साफ रखेंगे तो इन्‍फेक्‍शन से बच जाएंगे, अगर इन्‍फेक्‍शन है तो जल्‍द ठीक हो जाएगा. दूसरे में भी स्‍प्रेड होने के चांसेज कम रहेंगे.

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यदि परिवार में कई सदस्‍यों को आई फ्लू की समस्‍या हुई है तो प्रत्‍येक को अलग-अलग आई ड्रॉप इस्‍तेमाल करना चाहिए.

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