एकादशी व्रत रखने का सही तरीका क्या है? 

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है और इस दिन व्रत रखने का विधान है.

एकादशी व्रत करने से व्यक्ति निरोगी रहता है, संकटों से मुक्ति मिलती है, सर्वकार्य सिद्ध होते हैं, सौभाग्य प्राप्त होता है.

इसके अलावा मोक्ष की प्राप्ति होती है, विवाह बाधा समाप्त होती है, धन लाभ और सुख-समृद्धि आती है, इसके साथ ही मन को शांति मिलती है.

एकादशी व्रत करने वाले लोगों को दशमी यानी एकादशी से एक दिन पहले के दिन से कुछ जरूरी नियमों को मानना पड़ता है.

दशमी के दिन से ही श्रद्धालुओं को मांस-मछली, प्याज, मसूर की दाल और शहद जैसे खाद्य-पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.

दशमी और एकादशी तिथि दोनों दिन लोगों को भोग-विलास से दूर पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.

एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने व्रत रखने का संकल्प लेकर पूजा अर्चना करना चाहिए.

एकादशी व्रत के दौरान व्रती को सोने, दूसरों को गाली देने और झूठ बोलने से बचना चाहिए.