झारखंड की राजधानी रांची से महज 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 1933 के दशक में बसा गोरो का गांव या मिनी लंदन के नाम से मशहूर मैकलुस्कीगंज पहुंच कर कुदरत के द्वारा प्रदत्त सौंदर्य का दीदार कर सकते हैं.
Nakta Pahad Visit | Prabhat Khabar Graphics
मैकलुस्कीगंज से 10 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों में मुख्य सड़क से दो किलोमीटर अंदर जाने पर रुबरु हो सकते है नकटा पहाड़ से.
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सैलानियों के लिए ट्रेकिंग व पिकनिक मनाने का उपयुक्त स्थान है. सालों भर सैलानियों से गुलजार रहने वाले इस स्थान पर हर वर्ष दो जनवरी को मेले का आयोजन किया जाता है. हालांकि सुरक्षा नियमों को देखते हुए अधिक शाम तक पहाड़ी पर चढ़ना और रुकना प्रशासन द्वारा वर्जित किया गया है.
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नकटा पहाड़ रांची शहर से लगभग 60 किमी की दूरी पर स्थित है. शहर के शोर-गुल से बिलकुल शांत और एकांत. इस जगह पर जाना दो पहिये से ही ज्यादा आसान रहेगा क्योकि यहाँ पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं बनाई गयी है.
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नकटा पहाड़ में कार या टैक्सी से आने वालों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. नकटा पहाड़ के रास्तों से होते हुए उबड़-खाबड़ रास्तों को पार करते हुए आप पहाड़ी की छोटी सी चोटी तक पहुंच सकते हैं.
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नकटा पहाड़ दोस्तों के साथ घूमने के लिए बहुत अच्छी जगह है. अगर आप रांची में रहते हैं तो एक बार यहां जरूर आएं.
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नकटा पहाड़ की खूबसूरती आपका मन मोह लेगी. यहां की हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे.
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नकटा पहाड़ अपने धार्मिक पहलू के लिए भी जाना जाता है. यहां की सबसे ऊंची चोटी पर एक प्राचीन शिव मंदिर भी है. जिसे नागेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है. आसपास के गांवों से लोग यहां भगवान शिव की पूजा करने आते हैं.
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