हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बुधवार को एक बस और अन्य वाहनों के भूस्खलन की चपेट में आने से 10 लोगों की मौत हो गयी. 13 अन्य को बचा लिया गया जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है.
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किन्नौर जिला के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि मलबे से अब तक 10 शव निकाले जा चुके हैं. मलबे में फंसे कई अन्य लोगों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान जारी है.
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राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि किन्नौर जिले में निचार तहसील अंतर्गत निगुलसारी क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या पांच पर चौरा गांव में दोपहर के समय भूस्खलन और पहाड़ से पत्थर गिरने की घटना हुई.
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एक यात्री वाहन, एक टाटा सूमो के मलबे में दबे होने का पता चला और उसमें आठ लोग मृत पाये गये. हिमाचल सड़क परिवहन निगम की एक बस, जो रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी, यात्रियों के साथ मलबे में दब गयी. एक कार आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई, जबकि एक अन्य पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी.
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पत्थर गिरने से एक ट्रक नदी किनारे लुढ़क गया और चालक का शव बरामद कर लिया गया है. मरने वालों में पांच महिलाएं और एक बच्चा शामिल है. मृतकों में से दो की पहचान शिमला जिले के रामपुर के कैया गांव निवासी रोहित कुमार (25) और हमीरपुर जिले के सुजानपुर के झोल गांव निवासी विजय कुमार (32) के रूप में हुई है.
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राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने नूरपुर से एनडीआरएफ को तलाशी एवं बचाव अभियान चलाने के लिए बुलाया गया. जिला प्रशासन के अधिकारी, स्थानीय पुलिस के सदस्य, होमगार्ड, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, त्वरित प्रतिक्रिया दल (पुलिस) और चिकित्सा दल सहित खोज और बचाव दल घटनास्थल पर.
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10 एम्बुलेंस, चार अर्थ मूवर, आईटीबीपी की 17वीं बटालियन के 52 जवान, पुलिस के 30 जवान और एनडीआरएफ के 27 जवान बचाव अभियान में लगे हुए हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव अभियान के लिए एक हेलीकॉप्टर की भी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि भूस्खलन तब हुआ, जब उस समय इलाके में बारिश नहीं हुई थी.
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