मकर संक्रांति पर मां बच्चों को तिल-गुड़ खिलाकर क्या मांगती है वचन, जाने क्या है परंपरा

Meenakshi Rai

मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की उपासना की जाती है आस्था की डुबकी के साथ स्नान-दान का महत्व है लोग पूजा के बाद दही-चूड़ा, तिल कपड़े का दान करते हैं.

भगवान सूर्य की उपासना | Pintrest

भगवान सूर्य की उपासना

बिहार में मकर संक्रांति के दिन मां अपने बच्चों को तिल और गुड़ देती हैं इस दौरान वे अपने बच्चों से कुछ वचन लेती हैं. इस परंपरा को लेकर कई लोगों के मन में कौतुहल होता है.

बच्चों को तिल और गुड़ देने की परंपरा | Pintrest

बच्चों को तिल और गुड़

माताएं तिल गुड़ और चावल को मिलाकर अपने बच्चों के हाथ में देती हैं. बच्चे उसे अपने हाथों में लेकर मां को वचन देते हैं.

तिल लेकर मां को बच्चे देते हैं वचन | Pintrest

मकर संक्रांति और मां को वचन

अपने पुत्रों के हाथ में पांच बार तिल और चावल देते समय उनकी माताएं एक प्रश्न करती हैं कि क्या वह उनका साथ देंगे.

पांच बार तिल और चावल देने की परंपरा | Pintrest

मकर संक्रांति की परंपरा 

सवाल में माताएं अपने बच्चों से पूछती हैं. तिल-तिल बहेंगे और बच्चे इसका हां में जवाब देते हैं.इसका अर्थ यह होता है कि माताएं अपने बच्चों से यह वचन लेती हैं कि जब वे बूढे़ हो जाएंगे तो बच्चे साथ देंगे या नहीं ?

माताएं अपने बच्चों से पूछती हैं सवाल | Pintrest

अपने बच्चों से माताएं पूछती हैं सवाल 

इस परंपरा में पुत्र अपनी माता को वचन देता है कि वह जीवन भर अपने माता-पिता की सेवा करते रहेंगे और उम्र के अंतिम पड़ाव में भी कभी साथ नहीं छोड़ेंगे.

मकर संक्रांति की परंपरा | Pintrest

माता-पिता की सेवा का वचन 

मान्यताओं के अनुसार तिल और गुड़ शनि और सूर्य के परिचायक हैं इसलिए इसका दान करना शुभ फल देता है.

मकर संक्रांति की परंपरा | Pintrest

दान करना शुभ

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