मनप्रीत सिंह : भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह जालंधर के मीठापुर के एक छोटे से गांव का रहने वाले हैं. 29 साल के मनप्रीत ने 2011 में 19 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में डेब्यू किया. मनप्रीत ने 2012 लंदन ओलंपिक भी हिस्सा लिया था.
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पीआर श्रीजेश : भारतीय टीम के गोलकीपर श्रीजेश जीत के हीरो रहे हैं. उन्हें भारतीय दीवार कहा जाता है. केरल के एर्नाकुलम जिले के किजहक्कमबलम गांव में किसानों के परिवार में जन्में श्रीजेश भारत दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में से एक हैं. पिता पी वी रवीन्द्रन ने गाय बेचकर श्रीजेश का दिलाया था गोलकीपिंग किट.
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रुपिंदर पाल सिंह: ड्रैग फ्लिकर रुपिंदर पाल अपने साथियों के बीच ‘बॉब' के नाम से मशहूर हैं. रुपिंदर दुनिया के सबसे घातक ड्रैग-फ्लिकर में से एक है.
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हरमनप्रीत सिंह : ड्रैग-फ्लिक के बादशाह हरमनप्रीत का जन्म अमृतसर के बाहरी इलाके में स्थित गांव जंडियाला गुरू टाउनशिप में एक किसान परिवार में हुआ. हरमनप्रीत ने 2015 में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में डेब्यू किया.
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सिमरनजीत सिंह : सुपर स्ट्राइकर सिमरनजीत जर्मनी ने जर्मनी के खिलाफ कांस्य पदक प्ले ऑफ मैच में गोल दागा और भारत को पदक दिलाने में बड़ी भूमिका निभायी. वैकल्पिक खिलाड़ी के रूप में उन्हें टीम में शामिल किया गया और इतिहास रच डाला.
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हार्दिक सिंह को भविष्य का सितारा माना जा रहा है. हार्दिक के रगों में हॉकी है. उनके पिता से लेकर उनके चाचा-चाची तक ने हॉकी में देश का प्रतिनिधित्व किया है. जालंधर के खुसरूपुर में पैदा हुए 22 वर्षीय मिडफील्डर ने पूर्व भारतीय ड्रैग-फ्लिकर अपने चाचा जुगराज सिंह की देखरेख में अभ्यास किया है. उनके चाचा गुरमैल सिंह 1980 ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय टीम के सदस्य थे.
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ग्राहम रीड : भारतीय कोच रीड 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई हॉकी टीम के सदस्य थे. उन्हें 130 अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है. 57 साल के रीड को 2019 में भारतीय पुरुष टीम का कोच नियुक्त किया गया था.
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