महाकुंभ में स्नान करने से मिलता है सैकड़ों यज्ञों के बराबर पुण्य

Author:Shaurya Punj

21 December 2024

इस महाकुंभ की शुरुआत पौष पूर्णिमा के स्नान से होगी.

महाकुंभ 2025 का समापन महाशिवरात्रि के अंतिम शाही स्नान के साथ होगा.

यह महाकुंभ 13 जनवरी से प्रारंभ होकर 25 फरवरी को शिवरात्रि पर समाप्त होगा.

मान्यता है कि संगम में स्नान करने से मनुष्यों को अनंत गुणों की प्राप्ति होती है.

महाकुंभ में स्नान करने से जीवन के सभी दुख, दर्द और पाप समाप्त हो जाते हैं.

इस अवसर पर स्नान करने वाले व्यक्तियों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है.

शास्त्रों के अनुसार, शाही स्नान का विशेष महत्व साधु-संतों और नागा साधुओं के लिए होता है.