राम नवमी के अवसर पर अयोध्या में भगवान श्री रामलला का 'सूर्य तिलक' किया गया.
दोपहर के समय सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ीं. दर्पण व लेंस से जुड़े एक विस्तृत तंत्र द्वारा उनका 'सूर्य तिलक' किया गया.
अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में नए मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है.
इस प्रणाली का परीक्षण वैज्ञानिकों ने राम नवमी से पहले किया था इसे सूर्य तिलक परियोजना का नाम दिया गया.
सूर्य तिलक हर साल चैत्र माह में रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी से तिलक किया जाएगा.
रामलला के मस्तक के केंद्र पर तिलक लगाने की सही अवधि लगभग तीन से साढ़े तीन मिनट है, जिसमें दो मिनट पूर्ण रोशनी होती है.
मंदिर की तीसरी मंजिल से गर्भगृह तक सूर्य के प्रकाश को पहुंचाने के लिए एक तंत्र विकसित किया है.
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