क्या आप जानते है सावन मास में रुद्राभिषेका का महत्व

सनातन धर्म में शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही हैं.

रुद्राभिषेक करने से नवग्रह शांति होकर ग्रहों के अनुकूल परिणाम मिलते हैं.

श्रावण मास में अलग अलग द्रव्यों से रुद्राभिषेक करने से बहुत सारे लाभ होते हैं.

- जल से रुद्राभिषेक करने पर वर्षा होती हैं. - कुशा मिश्रित जल से रुद्राभिषेक करने पर असाध्य रोग शांत होते हैं. - दही से रुद्राभिषेक करने पर भवन-वाहन इत्यादि लाभ होते है. - गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करने पर लक्ष्मी प्राप्त होती हैं.

- शहद एवं घी से रुद्राभिषेक करने पर धन-धान्य में वृद्धि होती है. - गंगाजल से रुद्राभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती हैं. - इत्र से रुद्राभिषेक करने पर व्याधि का नाश होता हैं. - गाय के दूध से रूद्राभिषेक करने पर पुत्र की प्राप्ति होती हैं.

शर्करा मिश्रित जलू से रुद्राभिषेक करने पर जड़ बुद्धि बाला भी विद्वान हो जाता है. सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करने पर शत्रु पराजित होते हैं. इसीलिए श्रावण मास में रुद्राभिषेक करने का बहुत महत्व हैं.