टोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाली मीराबाई चानू (Saikhom Mirabai Chanu) के ब्रांड वैल्यू में अचानक बढ़ोतरी हुई है.
टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने से पहले उनकी फीस करीब 10 लाख हुआ करती थी, जो मेडल जीतने के बाद अचानक बढ़कर 1 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गयी है.
टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई चानू ने 21 साल बाद भारत को मेडल दिलाया. 49 किग्रा वर्ग में उन्होंने रजत पदक अपने नाम किया. 26 साल की चानू ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी (Karnam Malleswari ) के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक के रिकॉर्ड को तोड़ा.
टोक्यो में इतिहास रचने वाली मीराबाई चानू के पास कई ब्रांड्स के ऑफर आ रहे हैं. चानू को मैनेज करने वाली कंपनी के अनुसार मेडल जीतने के बाद चानू की ब्रांड वैल्यू अचानक बढ़ गयी है.
कंपनी के अनुसार चानू की एंडोर्समेंट फीस बढ़कर 1 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गयी है. जबकि मेडल जीतने से पहले उनकी फीस केवल 10 लाख रुपये हुआ करती थी.
चानू की कुल कमाई करीब 5 करोड़ रुपये है. उन्हें महीने में 4 लाख रुपये से अधिक की सैलरी मिलती है. उनकी सलाना कमाई करीब 50 लाख रुपये है.
टोक्यो में सिल्वर मेडल जीतने के बाद उन्हें मणिपुर सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये इनाम दिये गये. रेलवे ने दो करोड़ रुपये का इनाम दिया. जबकि बीसीसीआई ने 50 लाख, ओलंपिक एसोसिएशन की ओर से 25 लाख इनाम के तौर पर दिया गया है.