सुकन्या समृद्धि योजना

न बेटी की पढ़ाई की चिंता और न शादी की फिकर

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम के तहत केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की है

इस योजना को एसएसवाई भी कहा जाता है. इसमें निवेश करने पर न तो बेटी की पढ़ाई-लिखाई की चिंता रहती है और न ही उसकी शादी का फिकर रहता है. 

किसी भी बच्ची की उम्र 10 साल से कम रहने पर कोई भी व्यक्ति अपनी बेटी के नाम पर निवेश कर सकता है. 

सुकन्या समृद्धि योजना लंबी अवधि तक निवेश करने वाली योजना है, जिससे बेटी का भविष्य सुरक्षित माना जाता है. 

इस योजना में निवेश करने के लिए माता-पिता या अभिभावक को बेटी के नाम पर खाता खोला जाता है, ताकि उनकी शादी या उच्च शिक्षा हासिल करने में उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके.

सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत वैसे तो परिवार की केवल दो बेटियों को ही लाभार्थी बनाया जा सकता है. लेकिन कुछ मामलों में यह संख्या बढ़ सकती है.

इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश किये जा सकते हैं.

बेटी की उम्र 18 साल की हो जाने या 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी खाते से कुछ राशि निकाली जा सकती है. लेकिन एक साल में केवल एक बार ही खाते से निकासी कर सकते हैं.

सुकन्या समृद्धि योजना को भारत सरकार ने करमुक्त रखा है. इसमें निवेश करने पर नौकरीपेशा लोगों को टैक्स से छूट का लाभ भी मिलता है. 

इस योजना के अंतर्गत 15 साल तक निवेश करना अनिवार्य है. इसकी परिपक्वता अवधि 21 साल होती है.