तोक्यो ओलिंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीत कर नीरज चोपड़ा ने भारत के सफर का सुखद अंत कर दिया है.ओलिंपिक का आयोजन 2020 में ही होना था, लेकिन कोविड 19 महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. इस महामारी ने हर चीज पर असर डाली और खेल भी इससे अछूता नहीं रहा.
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नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलिंपिक में शनिवार को भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया है. नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंका, जो स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए निर्णायक साबित हुआ.
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वहीं गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा पर पैसों की बरसात होने लगी है. ओलंपिक इतिहास के 125 साल में भारत को एथलेटिक्स में पहला पदक दिलाने वाले नीरज के गोल्ड जीतने पर हरियाणा, पजांब, मणिपुर सरकार और बीसीसीआई ने अपना खजाना खोल दिया है.
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फाइनल में जर्मनी के दिग्गज भाला फेंक खिलाड़ी जोहान्स वेट्टर से कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद थी पर वह अंतिम आठ में भी जगह नहीं बना सकें. जोहान्स वेट्टर ने ओलंपिक से पहले नीरज चोपड़ा को खुली चुनौती दी थी.
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दिग्गज भाला फेंक खिलाड़ी जोहान्स वेट्टर ने कहा कि भाला फेंक में भारतीय खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को लेकर कहा है कि वे अच्छे खिलाड़ी है लेकिन नीरज उन्हें आगामी ओलंपिक खेलों में नहीं पछाड़ पाएंगे. नीरज और वेट्टर के हाथों में जब भाला होता है तो दोनों एक दूसरे के कड़े प्रतिद्वंद्वी होते हैं लेकिन मैदान से बाहर दोनों खिलाड़ी अच्छे दोस्त हैं.
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नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंका, जो स्वर्ण पदक हासिल करने के लिए निर्णायक साबित हुआ. तोक्यो में भारत का यह अंतिम इवेंट था. यह ओलिंपिक एथलेटिक्स में भारत का पहला स्वर्ण पदक है.
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नीरज ने कहा था कि जीत को लेकर मैं आश्वस्त जरूर था, लेकिन जर्मनी के योहानेस वेटर को लेकर मैं थोड़ा आशंकित भी था. वेटर का पर्सनल बेस्ट 97.76 मीटर जेवलिन थ्रो करने का है.
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