वैशाख मास में भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना हो जाएंगे कंगाल
वैशाख मास में भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना हो जाएंगे कंगाल
नववर्ष का दूसरा महीना वैशाख होता है. इस माह में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है, इस माह में पूजा-पाठ करने से सभी कष्ट और दुःख दूर हो जाते हैं.
स्कंद पुराण के अनुसार वैशाख महीने में जल का दान करना चाहिए, पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए और शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए.
वैशाख मास में भगवान विष्णु के नरसिंह, वराह, बुद्ध, परशुराम और कूर्म अवतारों की पूजा की जाती है. इस महीने नियमित रूप से सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए.
वैशाख के महीने में तेल और तेल से बनी चीजें खाने की मनाही होती है. मान्यता है कि अगर भोजन से जुड़े नियमों का पालन किया जाए तो व्यक्ति कभी बीमार नहीं पड़ता.
वैशाख माह में तामसिक आहार का सेवन करने से बचना चाहिए, इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. इस माह में झूठ नहीं बोलना चाहिए.
वैशाख महीने में राहगीरों को जल पिलाना, प्याऊ लगवाना, रसीले फल का दान करना श्रेष्ठ माना जाता है.
इस महीने विष्णु जी की विशेष पूजा करना चाहिए. उन्हें हर दिन स्नान कराएं, तुलसी दल अर्पित करें और सत्तू, तिल का भोग लगाएं.