कोविंद के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने पर उनके पैतृक में जश्न का माहौल

कानपुर : कानपुर के कल्याणपुर स्थित महर्षि दयानंद विहार काॅलोनी में जश्न का माहौल है. शहर के मानचित्र पर कोई खास पहचान ना रखनेवाले इस इलाके के निवासी अपने पड़ोसी रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद खुशियां मना रहे हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दिल्ली में राजग की तरफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2017 10:49 PM

कानपुर : कानपुर के कल्याणपुर स्थित महर्षि दयानंद विहार काॅलोनी में जश्न का माहौल है. शहर के मानचित्र पर कोई खास पहचान ना रखनेवाले इस इलाके के निवासी अपने पड़ोसी रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद खुशियां मना रहे हैं.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा दिल्ली में राजग की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर कोविंद का नाम घोषित किये जाने के साथ ही दयानंद विहार काॅलोनी के निवासियों में खुशी की लहर दौड़ गयी. कोविंद का एक घर इसी काॅलोनी में है. बड़ी संख्या में लोग अपने पड़ोसी को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद सड़कों पर ढोल-नगाड़े बजाने उतर पड़े और उन्होंने जमकर पटाखे भी जलाये.

वर्ष 1996 से 2008 तक कोविंद के जनसंपर्क अधिकारी रहे अशोक त्रिवेदी ने बताया कि बेहद सामान्य पृष्ठभूमिवाले कोविंद अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के बल पर इस बुलंदी तक पहुंचे हैं. कोविंद की पसंदगी के बारे में त्रिवेदी ने बताया कि वह अंतर्मुखी स्वभाव के हैं और सादा जीवन जीने में विश्वास करते हैं. उन्हें सादा भोजन पसंद है और मिठाई से परहेज करते हैं. वह लगातार उनके संपर्क में हैं और वर्ष 2012 में उनकी पत्नी के निधन पर वह उनके घर आये थे.

कोविंद के घर में स्थित मकान के सर्वेंट क्वार्टर में रहकर मकान की देखभाल करनेवाली कुसुमा राठौर का कहना है कि कोविंद को अपने वतन से बहुत प्यार है और बिहार का राज्यपाल बनने के बाद भी वह समय निकालकर कानपुर जरूर आते हैं. कोविंद के पड़ोसी देवेंद्र जुनेजा ने उन्हें राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाये जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा,’यह मेरे लिए और उन सभी के लिए खास दिन है, जो कोविंदजी को निजी तौर पर जानते हैं. वह जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं और अपने आसपास रहनेवाले लोगों की हमेशा फिक्र करते हैं.

‘कानपुर देहात स्थित कोविंद के पैतृक गांव परौख में दीवाली जैसा माहौल है. कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद गांव के लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई बांटकर तथा पटाखे दगाकर खुशियां मनायीं. कोविंद की भांजी और पेशे से शिक्षिका हेमलता ने कहा, ‘हम उनसे करीब 10 दिन पहले पटना में मिले थे, तब तक हमें जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के प्रत्याशी बनेंगे. यह हमारे लिये गर्व की बात है.’

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