महंगा पड़ेगा तृणमूल का समर्थन
सिलीगुड़ी: दार्जिलिंग लोकसभा सीट से गोजमुमो समर्थित भाजपा प्रत्याशी एसएस अहलुवालिया ने गोरामुमो सुप्रीमो सुभाष घीसिंग द्वारा तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करने पर सवाल किया है. उन्होंने कहा है कि दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के लिए छठी अनुसूची की मांग सुभाष घीसिंग वर्षो से करते रहे हैं. माकपा भी हमेशा इसके पक्ष में रही है, जबकि […]
सिलीगुड़ी: दार्जिलिंग लोकसभा सीट से गोजमुमो समर्थित भाजपा प्रत्याशी एसएस अहलुवालिया ने गोरामुमो सुप्रीमो सुभाष घीसिंग द्वारा तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करने पर सवाल किया है. उन्होंने कहा है कि दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के लिए छठी अनुसूची की मांग सुभाष घीसिंग वर्षो से करते रहे हैं.
माकपा भी हमेशा इसके पक्ष में रही है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने छठी अनुसूची की बात पर आज तक अपनी स्पष्टता जाहिर नहीं की है. तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करना गोरामुमो को महंगा साबित होगा.
श्री अहलुवालिया आज माटीगाड़ा के खपरैल स्थित अपने अस्थायी निवास पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कौन क्या कहता है, यह मुङो मालूम नहीं है. भाजपा छोटे राज्यों का समर्थन करती है. गोरखालैंड अलग राज्य का मसला संवैधानिक व सहानुभूति के साथ हल किया जाना चाहिए. कल फेसबुक पर विमल गुरुंग द्वारा अलग गोरखालैंड के बारे में लिखी गयी बातों पर उन्होंने कहा कि यह विमल गुरुंग का खुद का विचार है. मैं किसी व्यक्ति का प्रत्याशी नहीं, भाजपा का प्रत्याशी हूं.
गोरखालैंड के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि तृणमूल लोगों में यह भ्रांतियां पैदा कर रही है कि भाजपा की बंगाल विभाजन करने की योजना है, जबकि ऐसी कोई बात नहीं है, उन्होंने उल्टा तृणमूल पर पलटवार करते हुए कहा कि जीटीए समझौता में गोरखालैंड अलग राज्य की बात स्पष्ट तौर पर लिखी गयी है. इस समझौते पर तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा हस्ताक्षर भी किया गया है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व उत्तर बंगाल विकास मंत्री गौतम देव ने छठी अनुसूची के सवाल पर विशेष कोई टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी हाइकमान ही इस पर फैसले पर कुछ कह सकती हैं. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का समर्थन करने के लिए सुभाष घीसिंग को धन्यवाद दिया और कहा कि जीएनएलएफ के समर्थन से तृणमूल और शक्तिशाली हुई है.