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सात साइबर ठगों को किया गिरफ्तार

बिहारशरीफ\कतरीसराय : चार जिलों की पुलिस ने सात ठगों को बीती रात गिरफ्तार किया गया. इनकी गिरफ्तारी नालंदा जिले के कतरीसराय व उसके आसपास के गांवों से की गयी. छापेमारी में नालंदा के अलावे पटना, नवादा व शेखपुरा जिले की पुलिस शामिल थी. गिरफ्तार अारोपित साइबर ठगी के जरिये लोगों को आर्थिक क्षति पहुंचाते थे. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2017 4:36 AM

बिहारशरीफ\कतरीसराय : चार जिलों की पुलिस ने सात ठगों को बीती रात गिरफ्तार किया गया. इनकी गिरफ्तारी नालंदा जिले के कतरीसराय व उसके आसपास के गांवों से की गयी. छापेमारी में नालंदा के अलावे पटना, नवादा व शेखपुरा जिले की पुलिस शामिल थी. गिरफ्तार अारोपित साइबर ठगी के जरिये लोगों को आर्थिक क्षति पहुंचाते थे.

संयुक्त छापेमारी अभियान में पुलिस ने एक साथ 15 सिम कार्ड लगे मोबाइल फोन, एक लैपटॉप व ऑन लाइन शापिंग के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज को बरामद किया है. गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए नालंदा के पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरिका ने बताया कि सबों की गिरफ्तारी पुलिस द्वारा आधुनिक अनुसंधान की बदौलत की गयी है. गिरफ्तार साइबर ठग ऑन लाइन शापिंग की ब्रांडेड कंपनी माप-तौल डाॅट काॅम के कस्टमर्स व ऑन लाइन प्रतियोगिता परीक्षाओं का फॉर्म भरने वाले विद्यार्थियों को अपने तकनीक से जाल में फंसाने के बाद उनसे मोटी उगाही कर लेते थे. इस संबंध की कई शिकायतें संबंधित जिलों की पुलिस को कई दिनों से मिल रही थी.

शिकायत मिलने के बाद संबंधित जिलों की पुलिस ने लोकेशन में लेकर इनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की. गिरफ्तार होने वालों में कतरीसराय थाना क्षेत्र के मैरा गांव निवासी इंद्रदेव प्रसाद, नीतीश कुमार, रहिंचा गांव निवासी टुसी कुमार, कारू पासवान, रंजन कुमार चौधरी, धनराज कुमार, वासुदेव चौधरी शामिल हैं. यह संयुक्त छापेमारी नालंदा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र के अलावे पास के नवादा जिले के लाल बिगहा,शेखपुरा जिले के रहिंचा गांव में एक साथ की गयी. उक्त सभी गांव नालंदा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र से सटे हैं. नालंदा एसपी ने बताया कि निकट भविष्य में और गिरफ्तारियां की जायेगी. छापेमारी में गिरियक इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह, कतरीसराय थानाध्यक्ष आलोक कुमार,शेखोपुर थाना के एसआइ शेष हजारा सहित अन्य दो जिलों की पुलिस शामिल थी.

साइबर कैफे के संचालकों की भी मिलीभगत
पुलिस ने अपने हालिया अनुसंधान में इस बात का खुलासा किया है कि ऐसे ठग जिले के कुछ चिह्नित साइबर कैफे के संचालकों से टच में रहते हैं. साइबर कैफे से ऑन लाइन वर्क करने वालों का डाटा चुरा लिया जाता है. उक्त डाटा में संबंधित ग्राहकों के नाम, मोबाइल नंबर, पूरा पता व शाॅपिंग का पूरा डिटेल रहता है. इस डिटेल को ऐसे साइबर ठग साइबर कैफे के संचालक से पैसे देकर खरीद लेते हैं. इस कार्य के लिए ऐसे ठगों का एक गिरोह जिले में काम कर रहा है. पुलिस बताती है इस कार्य में कुछ चिह्नित साइबर कैफे के संचालक ही ठगों की टच में रहते हैं.

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