सुलग रहा मुरलीगंज, सातवें दिन भी रहा बंद
मधेपुरा : जाम के बाद पथराव और फिर पुलिस लाठीचार्ज, गिरफ्तारी की आंच से अबतक मुरलीगंज सुलग रहा है. जिला प्रशासन द्वारा सोमवार को पुन: पहल कर दुकान खुलवाने का प्रयास किया गया. लेकिन दुकान नहीं खुली. वहीं मुरलीगंज से बिहारीगंज जाने वाले एसएच को सुबह से शाम तक जाम कर रखा गया. हालांकि प्रशासन […]
मधेपुरा : जाम के बाद पथराव और फिर पुलिस लाठीचार्ज, गिरफ्तारी की आंच से अबतक मुरलीगंज सुलग रहा है. जिला प्रशासन द्वारा सोमवार को पुन: पहल कर दुकान खुलवाने का प्रयास किया गया. लेकिन दुकान नहीं खुली. वहीं मुरलीगंज से बिहारीगंज जाने वाले एसएच को सुबह से शाम तक जाम कर रखा गया. हालांकि प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए जाम स्थल पर जाना सही नहीं समझा. लिहाजा जाम स्वयं ही समाप्त हो गया.
बढ़ा बंद का दायरा, समर्थन में आये अन्य बाजार. मुरलीगंज बाजार निर्दोष लोगों की रिहायी तथा मुकदमा हटाने की मांग को लेकर सातवें दिन भी बंद रहा. लोगों को रह रह कर यह डर साल रहा है कि एक तरफ कुछ निर्दोष लोग जिसमें बच्चे शामिल है जेल चले गये हैं. दूसरी ओर पुलिस द्वारा दर्ज किये मामले में काफी मात्रा में अज्ञात का जिक्र किया गया है. इस अज्ञात के नाम पर उगाही न शुरू हो जाय. वहीं घटना को लेकर गत दिनों में मीरगंज, रहटा, कुमारखंड, जदिया, त्रिवेणीगंज बाजार के व्यवसायियों ने भी एक दिवसीय सांकेतिक बंद रखा.
प्रशासन ने की पहल, व्यवसायियों ने ठुकराया. सोमवार की अहले सुबह सात बजे से हैं प्रशासन द्वारा मुरलीगंज मार्केट को खुलवाने के लिए प्रयास किया गया. दुकानदार एवं जन समुदाय समझाने का प्रयास किया पर व्यवसायी प्रशासन के सामने एक ही मांग रखी कि शांतिपूर्ण तरीके से जब हम लोग अपना विरोध प्रकट कर रहे थे तो लाठीचार्ज क्यों किया गया.
लाठीचार्ज के उपरांत लोगों के घरों में घुसकर जबरदस्ती लोगों को छोटी-छोटी स्कूली बच्चों को क्यों गिरफ्तार किया गया और अगर गिरफ्तार ही किया गया तो पीआर भरवा कर क्यो नहीं छोड़ा गया. मुरलीगंज शहर में दंगा नहीं उभरा था. जिसके कारण प्राथमिकी में कठोर धाराएं हत्या के प्रयास और दंगा फैलाने वाली गलत धाराओं का अनावश्यक प्रयोग किया गया है. आज उप विकास आयुक्त के सामने मुरलीगंज गोल बाजार में लोगों ने एक ही मांग रखी कि सरकार बिना शर्त मुकदमा वापस ले ले और बाजार स्वतः खुल जायेगी. भाई संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी के साथ लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों अपील की की हमारे शांतिपूर्ण बंदी में किसी भी नेता या किसी भी दल के द्वारा यह प्रायोजित कार्यक्रम नहीं है हमें शांति के साथ अपना पक्ष रखने दें. हम कोई दंगा-फसाद नहीं कर रहे हैं .
सरकार के पक्षपात रवैया के खिलाफ हमारा शांतिपूर्ण बंद है. सरकार सिर्फ प्रशासनिक अधिकारियों को सही मांगती है और हम जनता तो हमेशा से ही गलत हैं.
आगे है पर्व, लोगों को हो रही है कठिनाई. प्रशासनिक अधिकारी मधेपुरा जिले के विकास आयुक्त मिथिलेश कुमार अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार निराला मुरली थानाध्यक्ष राजेश कुमार मौजूद थे. राजनीतिक दलों के भी लोगों में भाजपा के जिलाध्यक्ष स्वदेश कुमार, राजद प्रखंड अध्यक्ष रूद्र नारायण यादव आदि मौजूद थे. सोमवार को भी शहर की तमाम दुकानें बंद रही राज्य वर्तमान सरकार द्वारा इस दिशा में सकारात्मक पहल नहीं दिखाने के कारण लोगों में सरकार के प्रति असंतोष की भावना पनप रही है. बाजार बंद का असर अब गांव पर दिखने लगा है. गांव के लोग में भी सरकार के प्रति असंतोष की भावना फैल रह रही है. इस बंदी के कारण आम जनजीवन प्रभावित तो रहा है. लोगों के बीच यह भावना पनप रही है. आगे मुहर्रम और दशहरे का पर्व है और सरकार समझौतात्मक रूख नहीं अपना रही है.
रिहाई की मांग को लेकर एसएच रहा जाम. मुरलीगंज में हुई जिला प्रशासन द्वारा लाठीचार्ज एवं स्कूली बच्चों घरों से निकालकर गिरफ्तार किये गये युवकों के विरोध में सातवें दिन मुरलीगंज बाजार बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से बंद है. बंद के समर्थन में अब ग्रामीण क्षेत्रों के भी लोग सामने आने लगे हैं. आपको उस प्रशासन के खिलाफ बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में गौरतलब है कि मुरलीगंज से होकर गुजरने वाली एसएच 91 रजनी प्रसादी चौक पर लोगों ने सवेरे से ही जाम लगा रखा था तथा प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. लोगों ने बताया कि मुरलीगंज में की गई कार्रवाई के खिलाफ उनलोगों ने समर्थन में सड़क जाम किया है.
साथ ही प्रशासनिक उदासीनता के कारण और सरकार के निकम्मेपन की बात बतायी. कहा कि सरकार द्वारा इस दिशा में पहल नहीं किये जाने से ग्रामीण क्षेत्रीय बाजार मुरलीगंज के बाद बंद रहने से आम जनजीवन पर असर पड़ने लगा है. व्यापार से लेकर पढ़ाई- लिखाई स्वास्थ्य सेवाएं सभी प्रभावित हो रही है. इसलिए हम लोगों ने विरोध प्रदर्शन में आज सड़क जाम किया.