बाढ़ राहत घोटाला मामले में पूर्व नाजिर पर प्राथमिकी
खगड़िया : बाढ़ राहत घोटाले के मामले में खगड़िया अंचल के पूर्व नाजिर पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में पूर्व नाजिर पर प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है. क्योंकि पहले दो साल से इस मामले में टाल मटोल की स्थिति बनी हुई थी. […]
खगड़िया : बाढ़ राहत घोटाले के मामले में खगड़िया अंचल के पूर्व नाजिर पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में पूर्व नाजिर पर प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है. क्योंकि पहले दो साल से इस मामले में टाल मटोल की स्थिति बनी हुई थी. लेकिन जब मामला प्रधान सचिव के पास पहुंचा तो चंद ही दिनों में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है. सदर सीओ नौशाद आलम ने चित्रगुप्त नगर थाने में पूर्व नाजिर के विरुद्ध कांड संख्या 599/17 दर्ज कराई है.
अगर जिला के पदाधिकारी इस मामले को लेकर गंभीर रहते तो वर्ष 2017 की जगह मामला प्रकाश में आने के साथ ही वर्ष 2015 में ही प्राथमिकी दर्ज हो गयी होती. क्योंकि पूर्व नाजिर ने अबतक कई महत्वपूर्ण अभिलेखों का प्रभार ही नहीं सौंपा है. जिसमें बाढ़ राहत घोटाले से जुड़ी भी अभिश्रव/ भाउचर पंजी शामिल था. लेकिन इतने महत्वपूर्ण मामले को इतने हल्के से लिया गया कि दो साल बाद इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई. वे भी मामला राज्य स्तर पर पहुंचने एवं प्रधान सचिव के दबाव के बाद अब भी नहीं हुई जांच.
यहां यह बताना अति आवश्यक यह कि वर्ष 2013 के बाढ़ राहत वितरण में हुई अनियमितता की जांच के लिए वर्ष 2015 के मार्च माह में ही तत्कालीन डीसीएलआर ओम प्रकाश महतो की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया था. लेकिन जांच टीम को अभिलेख ही उपलब्ध नहीं कराया गया. जिस कारण इस भ्रष्टाचार के मामले की जांच ही नहीं हो पाई. बताया जाता है अंचल कार्यालय में कई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है. डीसीएलआर खगड़िया ने यह रिपोर्ट दी थी कि वर्ष 2013 में आयी विनाशकारी बाढ़ राहत अनुदान से संबंधित रोकड़ पंजी एवं अग्रिम पंजी अंचल कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. जिस कारण राहत वितरण घोटाले की जांच कर पाना संभव नहीं है.उल्लेखनीय है कई गंभीर आरोपों में पूर्व नाजिर पहले ही बर्खास्त किये जा चुके हैं. अब आवश्यक पंजी को गायब करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
तेजी से हो अनुसंधान : लोक शिकायत अधिनियम के तहत द्वितीय अपील के तहत यह मामला आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्य अमृत के पास पहुंचा था. जहां उन्होंने इस मामले में प्रभारी आपदा एडीएम को जवाब के साथ तलब किया था. जानकारी के मुताबिक अंचल नाजिर पर प्राथमिकी दर्ज किये जाने की सूचना के साथ एडीएम स्वयं पांच सितंबर को सुनवाई में भाग लेने राज्य मुख्यालय गए थे. सुनवाई के बाद प्रधान सचिव ने जारी आदेश में साफ साफ कहा है कि यह वित्तीय अनियमितता से जुड़ा हुआ गंभीर मामला है. जिसमें गहन छान बीन की आवश्यकता है.