बागानों में तीनदिवसीय हड़ताल स्थगित
सुकना चाय बागान में आंदोलन जारी चाय श्रमिकों ने की तत्काल कदम उठाने की मांग सिलीगुड़ी : विभिन्न मांगों के समर्थन में इस महीने की 23 तारीख से चाय उद्योग में हड़ताल को ट्रेड यूनियन संगठनों ने फिलहाल स्थगित कर दिया है. न्यूनतम मजदूरी तय करने के साथ-साथ अन्य मांगों को लेकर चाय श्रमिक संगठनों […]
सुकना चाय बागान में आंदोलन जारी
चाय श्रमिकों ने की तत्काल कदम उठाने की मांग
सिलीगुड़ी : विभिन्न मांगों के समर्थन में इस महीने की 23 तारीख से चाय उद्योग में हड़ताल को ट्रेड यूनियन संगठनों ने फिलहाल स्थगित कर दिया है.
न्यूनतम मजदूरी तय करने के साथ-साथ अन्य मांगों को लेकर चाय श्रमिक संगठनों के यूनाइटेड फोरम ने इस महीने की 23 तारीख से तीन दिवसीय चाय उद्योग हड़ताल की घोषणा की थी. फिलहाल इसे स्थगित कर दिया गया है. शुक्रवार को इसकी जानकारी इंटक नेता आलोक चक्रवर्ती ने दी. वह सुकना चाय बागान में श्रमिकों के धरना प्रदर्शन के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
श्री चक्रवर्ती ने बताया कि इस महीने की 30 तारीख को कोलकाता में चाय श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी तय करने को लेकर एक त्रिपक्षीय वार्ता होनी है. उसी वार्ता में न्यूनतम मजदूरी तय करने का भरोसा राज्य सरकार ने दिया है. राज्य सरकार द्वारा यह भरोसा मिलने के बाद 23, 24 तथा 25 जुलाई को प्रस्तावित चाय उद्योग हड़ताल को स्थगित रखा गया है.
उन्हें उम्मीद है कि राज्य सरकार अपना भरोसा नहीं तोड़ेगी और चाय श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी 30 तारीख को तय कर दी जाएगी .3 साल से भी अधिक समय से चाय श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी तय करने का मामला लटका हुआ है. इसको लेकर कई बार त्रिपक्षीय बैठक हो चुकी है. लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ. इस महीने के शुरू में भी त्रिपक्षीय बैठक सिलीगुड़ी के राज्य मिनी सचिवालय उत्तरकन्या में हुई थी.
उसी बैठक में दो और बैठक कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया गया था. बार-बार बैठक का दौर चलने और कोई नतीजा नहीं निकलने से चाय श्रमिक काफी परेशान थे. थक हार कर चाय श्रमिकों ने 23 तारीख से तीन दिवसीय चाय उद्योग हड़ताल की घोषणा की थी. फिलहाल हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है. ऐसे अपनी मांगों को लेकर चाय श्रमिक लगातार आंदोलन भी कर रहे हैं.
आज भी सिलीगुड़ी के साथ-साथ तराई तथा डुवार्स के सभी चाय बागानों में चाय श्रमिकों की ओर से गेट मीटिंग की गई. हालांकि चाय श्रमिकों में इतनी आक्रमकता नहीं थी. चाय श्रमिकों को पहले ही 30 जुलाई की बैठक में कोई ना कोई अंतिम फैसला कर लेने की जानकारी मिल गई थी. राज्य सरकार द्वारा मिले आश्वासन को चाय श्रमिकों को तक पहुंचा दिया गया था.उसके बाद चाय श्रमिकों ने शांतिपूर्ण आंदोलन किया.
सुकना चाय बागान में काफी संख्या में चाय श्रमिक आज जमा हुए. पास स्थित एक फुटबॉल मैदान से चाय श्रमिकों ने रैली भी निकाली. रैली में शामिल श्रमिक बागान के सामने पहुंचे और वहां थोड़ी देर के लिए शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. वहां एक सभा का भी आयोजन किया गया. सबसे बड़ी बात यह रही कि आज के आंदोलन में तृणमूल कांग्रेस समर्थित चाय श्रमिक यूनियन ने भी हिस्सा लिया.
यहां बता दें कि तृणमूल यूनाइटेड फोरम मे शामिल नहीं है. पहली बार तृणमूल कांग्रेस के सदस्य यूनाइटेड फोरम द्वारा आयोजित आंदोलन में शामिल हुए . आज की जनसभा को घटक यूनियनों के नेताओं के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी संबोधित किया. इन नेताओं ने कहा कि चाय श्रमिकों की मांग उचित है. काफी साल से न्यूनतम मजदूरी का मामला लटका हुआ है.
चाय श्रमिक तत्काल न्यूनतम मजदूरी चाहते हैं. इसके अलावा चाय श्रमिकों की और भी कई समस्याएं हैं. इन नेताओं ने न्यूनतम मजदूरी तय करने के साथ-साथ वर्षों से रह रहे चाय श्रमिकों को जमीन का पट्टा देने, बंद चाय बागानों को तत्काल खोलने आदि की भी मांग रखी. इधर, सिलीगुड़ी तराई क्षेत्र के साथ-साथ डुवार्स के भी विभिन्न इलाकों के चाय बागान में श्रमिकों ने आज आंदोलन किया.