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29 घंटे तक थमी रहीं मुंगेर की सांसें जिला प्रशासन को मुंगेर ने किया सलाम

मुंगेर : मंगलवार को अपराह्न 4 बजे सना उर्फ सन्नो बोरवेल में गिरी. जिसके बाद जिला प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू का कमान संभाला. पूरे 29 घंटे बाद सना को एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की मदद से बाहर निकाला गया. इस दौरान मुंगेर की सांसें थम सी गयी थी. शहर की गति मानों रुक गयी थी, […]

मुंगेर : मंगलवार को अपराह्न 4 बजे सना उर्फ सन्नो बोरवेल में गिरी. जिसके बाद जिला प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू का कमान संभाला. पूरे 29 घंटे बाद सना को एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की मदद से बाहर निकाला गया. इस दौरान मुंगेर की सांसें थम सी गयी थी. शहर की गति मानों रुक गयी थी, जबकि जिला प्रशासन के रेस्क्यू ऑपरेशन के कार्य को मुंगेर के लोगों ने सेल्यूट किया.

29 घंटे तक थमी रही मुंगेर के लोगों की सांसें
सना के बोरवेल में गिरने के बाद जिसने सुना वहीं गमगीन हो गया और उसके सकुशल बाहर निकलने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते रहे. 29 घंटे तक लोगों की सांसें थम गयी थी. गांधी चौक के पास की सभी दुकानें बंद रही, जबकि बाजार में भी अन्य दिनों की तरह भीड़ नहीं देखी गयी. बाजार में दुकानें खुली थी लेकिन अधिकतर दुकान पर खरीदार नहीं थे. मानों बाजार की रफ्तार पर भी ब्रेक लग गया हो. मुर्गियाचक चौराहा के चारों तरफ बेरिकेटिंग के पास 29 घंटे तक लोगों की भीड़ जमी रही.
टीवी से चिपके रहे लोग
सना के बोरवेल में गिरने के बाद रेस्क्यू की खबर कवरेज करने के लिए कई टीवी चैनलों के प्रतिनिधि सुबह होते ही पटना से मुंगेर पहुंच गये. कई टीवी चैनल रेस्क्यू का लाइव टेलीकास्ट कर रहे थे. लोग दिन भर टीवी के सामने रेस्क्यू टीम की कार्रवाई को देखते रहे. लोग मानों टीवी से चिपक सा गये थे. जबकि मोबाइल पर लोग सोशल मीडिया से जानकारी अपटेड कर रहे थे. हर कोई मौका मिलते ही मोबाइल पर वीडियो खींच कर डाल दे रहे थे. लोग पल-पल की खबर जानने के लिए सोशल मीडिया पर अपने को अपडेट करते रहे. इतना ही नहीं मुंगेर से बाहर रहने वाले लोग भी अपने घरों में फोन कर घटना की जानकारी को अपडेट करते रहे.
प्रशासन की हो रही शहर भर में प्रशंसा
घटना के बाद से ही प्रमंडलीय आयुक्त पंकज कुमार पाल, डीआईजी जीतेंद्र मिश्रा, पुलिस अधीक्षक गौरव मंगला, सदर अनुमंडल पदाधिकारी खगेशचंद्र झा, एएसपी अभियान राणा नवीन, एसएसपी हरिशंकर कुमार के अलावे मुंगेर के सभी वरीय अधिकारी से लेकर कनीय अधिकारी रेस्क्यू में लगे रहे. जिला प्रशासन के तमाम पदाधिकारियों ने धैर्य के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन को जारी रखा. कम संसाधनों में जिस तरह से जिला प्रशासन ने रेस्क्यू जारी रखा उसे देख कर मुंगेर के लोगों में जिला प्रशासन के प्रति एक अलग का सम्मान भर गया. हर लोग जिला प्रशासन के कर्तव्य पालन पर सेल्यूट कर रहे थे.
पुलिस की भूमिका रही सराहनीय
इस घटना में पुलिस की भूमिका काफी सराहनीय रही. पुलिस अधीक्षक गौरव मंगला, एएसपी हरिशंकर कुमार सहित कोतवाली, मुफस्सिल, कासिम बाजार, वासुदेवपुर, पूरबसराय, नयारामनगर, सफियाबाद थानाध्यक्ष के साथ ही सैकड़ों जवान रात भर घटनास्थल पर मौजूद रहे. एसपी द्वारा लगातार भीड़ को नियंत्रण में रहने के लिए माइकिंग की जा रही थी. बच्चे को बाहर निकालने के पहले पुलिस जवानों ने अस्पताल मार्ग को अपने कब्जे में ले लिया, ताकि बच्ची को अस्पताल पहुंचाने में कोई दिक्कत नहीं हो.

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