कर्ज माफी को लेकर दिल्ली में जुटे हजारों किसान, लगे नारे- ‘अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए’
नयी दिल्ली : देश भर के किसान 36 घंटे की यात्रा पूरी कर गुरुवार को रामलीला मैदान में जुटे. लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिये किसानों ने ‘अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए’ जैसे नारे लगाये. पूरी रात मैदान में बिताने के बाद शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर संसद की तरफ मार्च करेंगे. इससे […]
नयी दिल्ली : देश भर के किसान 36 घंटे की यात्रा पूरी कर गुरुवार को रामलीला मैदान में जुटे. लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिये किसानों ने ‘अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए’ जैसे नारे लगाये. पूरी रात मैदान में बिताने के बाद शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर संसद की तरफ मार्च करेंगे.
इससे पहले, किसानों को कर्ज मुक्त करने और फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिये जाने की मांग को लेकर संसद मार्च करने पहुंचे किसान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के महासचिव अवीक शाहा और योगेंद्र यादव की अगुआई में दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के बिजवासन से किसान मुक्ति यात्रा शुरु की. लगभग 25 किमी की पदयात्रा कर किसान मुक्ति यात्रा के रात आठ बजे तक रामलीला मैदान पहुंचे.
आंध्र प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे हैं.
पंजाब, हरियाणा और आसपास के अन्य राज्यों के आंदोलनकारी भी इस आंदोलन में शामिल होंगे. अखिल भारतीय किसान सभा (एआइकेएस) की दिल्ली इकाई की पदाधिकारी कमला ने बताया कि नजदीकी इलाकों के किसान दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित मजनूं का टीला में इकट्ठा हुए और वहां से वे समूहों में रामलीला मैदान की तरफ बढ़े.
रामलीला मैदान में गुरुवार की शाम को किसानों के लिए ‘एक शाम किसानों के नाम’ सांस्कृतिक संध्या का कार्यक्रम रखा गया था. तमिलनाडु से आये किसानों के समूह ने धमकी दी कि यदि शुक्रवार को उन्हें संसद नहीं जाने दिया गया तो वे नग्न प्रदर्शन करेंगे. एआइकेएससीसी ने कहा है कि दो दिवसीय मार्च दिल्ली में किसानों का सबसे बड़ा प्रदर्शन होगा. समिति किसानों एवं खेतिहर कामगारों के 207 संगठनों की संयुक्त संस्था होने का दावा करता है. करीब 13 हजार लोग पहुंचे हैं.
चंद्रबाबू व नीतीश कर सकते हैं मार्च
नेशनल साउथ इंडियन रीवर इंटर-लिंकिंग एग्रीकल्चरलिस्ट्स एसोसिएशन के करीब 1,200 सदस्य खुदकुशी कर चुके अपने दो साथियों के कंकाल लेकर बृहस्पतिवार की तड़के राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे. उनके नेता पी अय्याकन्नू ने यह जानकारी दी.
सुरक्षा के व्यापक प्रबंध
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की रैली के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी है. मार्च के दौरान सड़क के दोनों तरफ रस्सी होगी और पुलिस तैनात होगी, ताकि यातायात प्रभावित नहीं हो सके.
आंदोलन में शामिल होंगी राजनीतिक पार्टियां
किसान आंदोलन को अभी तक 21 राजनीतिक पार्टियों ने समर्थन दिया है. इनमें से कई पार्टियों के नेता शुक्रवार को संसद मार्च में शामिल होंगे.एआइकेसीसी के संयोजक वीएम सिंह ने कहा कि हमने अपने एजेंडे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. किसान को समर्थन देने वाले मुख्यमंत्रियों में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार भी शामिल हैं.