भाजपा को हराने ममता के मंच पर एकजुट हुआ विपक्ष, बोला मोदी के खिलाफ ‘हल्लाबोल’
सपा व बसपा गठबंधन से भाजपा चिंतित : अखिलेश कोलकाता : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में ‘एकजुट भारत रैली’ की गयी. भाजपा को हराने के लिए बीजद और माकपा को छोड़कर पूरा विपक्ष ममता के मंच पर एकजुट दिखा. […]
सपा व बसपा गठबंधन से भाजपा चिंतित : अखिलेश
कोलकाता : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में ‘एकजुट भारत रैली’ की गयी. भाजपा को हराने के लिए बीजद और माकपा को छोड़कर पूरा विपक्ष ममता के मंच पर एकजुट दिखा. रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीन मुख्यमंत्री, छह पूर्व मुख्यमंत्री, एक प्रधानमंत्री समेत दर्जनभर दलों के नेताओं ने ‘हल्ला’ बोला.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सपा और बसपा के साथ आने से देश में खुशी की लहर है. इससे चिंतित होकर भाजपा यूपी में एक-एक सीट जीतने की रणनीति तैयार करने लिए बैठकें कर रही है. कहा कि वे पूछते हैं विपक्षी दलों का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है. हमारा कहना है कि हमारी तरफ से लोग प्रधानमंत्री उम्मीदवार का फैसला करेंगे.
लेकिन, उनकी ओर से इस नाम (नरेंद्र मोदी) ने देश को निराश किया है, आपका दूसरा नाम कौन-सा है? उन्होंने कहा कि भाजपा का 40 दलों के साथ गठबंधन है, चुनाव पास आते ही सीबीआइ और ईडी से भी गठबंधन कर लिया है, लेकिन हमने भी जनता से गठबंधन कर लिया. बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि यूपी में बसपा-सपा गठबंधन केंद्र की ‘दलित-विरोधी’ राजग सरकार के अंत की शुरुआत है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि राहुल-सोनिया ने इस रैली के लिए अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं.
टीएमसी की ब्रिगेड सभा का कोई आधार नहीं : सीताराम येचुरी
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की ब्रिगेड सभा का कोई आधार नहीं है. भारत के अंदर विविधता है. अलग-अलग प्रदेशों में प्रादेशिक पार्टियों के असर का बड़ा फर्क है. ब्रिगेड सभा में दूसरे राज्यों से जितने भी दल के नेता जमा हुए थे, उनकी पार्टियों का आधार पश्चिम बंगाल में नहीं है. ठीक वैसे ही तृणमूल कांग्रेस का आधार उन राज्यों में नहीं है.
विपक्ष ने इवीएम पर बनायी कमेटी
विपक्षी दलों ने इवीएम के मामले को देखने के लिए अभिषेक मनु सिंघवी, अरविंद केजरीवाल, सतीश मिश्रा और अखिलेश यादव की चार सदस्यीय एक कमेटी बनायी है. यह कमेटी पूरे मामले को देखेगी और इस पर सुझाव देगी. ममता ने कहा कि पिछले चुनाव में इवीएम में गड़बड़ी के मामले सामने आये हैं. हम चाहते हैं कि बैलेट पेपर से मतदान हो, लेकिन अब समय कम है. शीघ्र ही सभी दलों के प्रतिनिधि चुनाव आयोग से मुलाकात करेंगे.
भाजपा ने शत्रुघ्न को अवसरवादी बताया, कहा- लिया जायेगा संज्ञान
नयी दिल्ली : भाजपा ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ संयुक्त विपक्ष की रैली में पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की मौजूदगी का वह संज्ञान लेगी. इसके साथ ही पार्टी ने सिन्हा को अवसरवादी बताया.
शत्रुघ्न सिन्हा ने ममता बनर्जी द्वारा कोलकाता में आयोजित रैली में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने मोदी और केंद्र की भाजपानीत सरकार के खिलाफ बोला. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने संवाददाता सम्मेलन में सिन्हा को अवसरवादी बताते हुए कहा कि सांसद के नाते सभी सुविधाओं के लिए वह पार्टी में भी हैं और साथ ही विभिन्न मंचों पर अलग-अलग राय भी व्यक्त कर रहे हैं. रूडी ने कहा कि सिन्हा विभिन्न मंचों पर पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं.
यह महत्वपूर्ण है कि भाजपा ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे और पार्टी इसका संज्ञान लेगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अलग-अलग तरीके से बुद्धिमान होते हैं. वे पार्टी व्हिप का भी पालन करते हैं ताकि उनकी सदस्यता खत्म नहीं हो. इसके साथ ही वे इतने अवसरवादी होते हैं कि और किसी भी सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं.
अगला चुनाव देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए होगा : खड़गे
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब तक विपक्ष एकजुट नहीं हो जाता, तब तक हमें मोदी और शाह को लोकतंत्र और देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कुचलते देखते रहना होगा. आगामी लोकसभा चुनाव देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए होंगे. कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि न खाऊंगा न खाने दूंगा. वह खुद नहीं खा रहे हैं, लेकिन अडानी, अंबानी और अपने दूसरे कॉरपोरेट मित्रों को फायदा पहुंचा रहे हैं.
कहा कि मंजिल दूर है, रास्ता कठिन है, फिर भी पहुंचना है. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमने इस तरह की बदले की राजनीति पहले कभी नहीं देखी थी. जब अमित शाह ने यूपी में 100 रैलियां की, किसी ने सवाल नहीं पूछा, लेकिन जब राजद ने एक रैली का आयोजन किया तो उसे आयकर का नोटिस मिला.
एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ें : देवगौड़ा
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने कहा कि आम चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में विपक्षी दलों को चाहिए कि वे आपसी मतभेद भुलाकर और एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ें. उन्होंने सलाह दी कि वरिष्ठ नेताओं का एक छोटा समूह बनाया जाना चाहिए, जो एक खाका तैयार करने पर फैसला करेगी कि वे सुशासन कैसे देंगे.
मोदी-शाह की जोड़ी ने देश का बेड़ा गर्क किया : केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश गंभीर संकट के दोराहे पर है. मोदी और शाह की जोड़ी ने देश का बेड़ा गर्क कर दिया. अगर इनकी जोड़ी 2019 का चुनाव जीतकर देश में शासन करती रही, तो वह संविधान को बदल देगी और कभी चुनाव नहीं करवायेगी. जर्मनी में हिटलर ने जो किया था, वही होगा.
‘चोर’ मशीन है ईवीएम, इस पर रोक लगे : फारूक
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों को पाकिस्तानी बताया जा रहा है. लेकिन, सभी लोग लद्दाख से लेकर हर जगह पर भारत में रहना चाहते हैं. मैं मुसलमान हूं और मुझे भारत से, अपने देश से प्यार है. ईवीएम, चोर मशीन है. ईमानदारी से कह रहा हूं. इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए.
शरद राफेल की जगह कर बैठे बोफोर्स कांड का जिक्र
लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव ने मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने का लोगों से आह्वान किया. उन्होंने कांग्रेस की सरकार में हुए बोफोर्स घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि यह बहुत बड़ा घोटाला है. बोफोर्स में डकैती हो गयी है. उनकी बात सुनकर लोग हंसने लगे. मामला हाथ से निकलता देख डेरेक ओ ब्रायन तुरंत उनके पास पहुंचे और उन्हें बोफोर्स की जगह राफेल की याद दिलायी. तब तक वह कई बार यह बात दोहरा चुके थे. अंत में तीन बार राफेल-राफेल-राफेल कहते हुए अपना भाषण खत्म किये.
प्रदर्शन नहीं, प्रचार वाले पीएम हैं मोदी : चंद्रबाबू
आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) प्रदर्शन वाले पीएम नहीं, प्रचार वाले पीएम हैं. मोदी ने देश को धोखा दिया है. भाजपा भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने, विदेशों से कालाधन वापस लाने और किसानों की आय दोगुनी करने सहित अपने कई अन्य वादों को पूरा करने में असफल रही. इधर, कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि आज हम केंद्र में कुछ ‘अलोकतांत्रिक’ लोगों को ‘लोकतांत्रिक’ सरकार की अगुवाई करते देख रहे हैं. पिछले 70 साल में देश ने क्षेत्रीय पार्टियों को मजबूती से ऊभरते हुए देखा है.