दुखद है अमेरिकी कार्रवाई
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का वैश्विक मंच पर भूमिका पूरे विश्व को जलाकर राख कर देनेवाले एक विवेकहीन व्यक्ति जैसी है. आखिर क्यों आज तार्किकता, मानवता, न्यायोचित व्यवहार आदि बुद्धिवादी और व्यावहारिक आदर्शों को माननेवाले नेताओं का वैश्विक स्तर पर अकाल पैदा हो गया है? अमेरिका किसी स्वतंत्र राष्ट्र के सेनाध्यक्ष को अकारण ही ‘आतंकवादी’ […]
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप का वैश्विक मंच पर भूमिका पूरे विश्व को जलाकर राख कर देनेवाले एक विवेकहीन व्यक्ति जैसी है. आखिर क्यों आज तार्किकता, मानवता, न्यायोचित व्यवहार आदि बुद्धिवादी और व्यावहारिक आदर्शों को माननेवाले नेताओं का वैश्विक स्तर पर अकाल पैदा हो गया है? अमेरिका किसी स्वतंत्र राष्ट्र के सेनाध्यक्ष को अकारण ही ‘आतंकवादी’ घोषित कर उसकी हत्या कर दे, तो जाहिर है इसकी प्रतिक्रिया तो होगी ही.
सवाल है कि अमेरिका ऐसा कैसे कर सकता है? अमेरिका की नजर में इराक, ईरान, अफगानिस्तान, उत्तर कोरिया, वियतनाम, लीबिया, सूडान आदि सभी देश बुरे देश हैं, परंतु इन देशों के उन करोड़ों निर्दोष लोगों के उन परिजनों की दृष्टि में अमेरिका, उसकी सेना, वहां का सेनाध्यक्ष और वहां का राष्ट्रपति क्या है?
अमेरिका ने उन देशों के लाखों लोगों की हत्या करके उनके परिवारों को दर-दर की ठोकरें खाने और भूखों मरने के लिए मजबूर कर दिया है. यह बहुत दुख की बात है.
निर्मल शर्मा, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश