ताकि बच्चों की गतिविधि पर नजर रखी जा सके

धनबाद: नॉलेज, इंटरटेनमेंट के साथ-साथ संदेशों के आदान-प्रदान के लिए आज हम इंटरनेट यूज कर रहे हैं. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक की निर्भरता इंटरनेट पर बढ़ गयी है. लेकिन, आज इंटरनेट पर कई ऐसे डिजिटल कंटेंट भी उपलब्ध हैं जो बच्चों के कोमल मन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. सर्चिग से लेकर चैटिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:55 PM

धनबाद: नॉलेज, इंटरटेनमेंट के साथ-साथ संदेशों के आदान-प्रदान के लिए आज हम इंटरनेट यूज कर रहे हैं. बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक की निर्भरता इंटरनेट पर बढ़ गयी है.

लेकिन, आज इंटरनेट पर कई ऐसे डिजिटल कंटेंट भी उपलब्ध हैं जो बच्चों के कोमल मन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. सर्चिग से लेकर चैटिंग एवं फोटो शेयरिंग की लोकप्रियता टीन एजर्स में बढ़ गयी है. इंटरनेट पर कई ऐसी चीजें भी उपलब्ध हैं, जो किशोरावस्था से पहले बच्चों के लिए घातक है. इसके लिए उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने की जरूरत है.

पैरेंट्स अपने बच्चों के ऑनलाइन फ्रैंड्स व हैबिट की भी जानकारी रखें. इनसे बचाव के लिए घर पर पैरेंटल कंट्रोल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है. खासतौर पर यह सॉफ्टवेयर वर्किग पैरेंट्स के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. विंडोज 7 एवं 8 आदि में यह सॉफ्टवेयर इनबिल्ट होते हैं. साथ ही, साइबर कंट्रोल डॉट कॉम, माइक्रोसॉफ्ट डॉट कॉम, साइमेनटेक डॉट कॉम व नेटनेमी डॉट कॉम जैसे ढेरों वेबसाइट हैं, जहां ऐसी जानकारियां उपलब्ध हैं.

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