भारत की सरकार को रावण से सीख लेने की जरुरत : शंकराचार्य
जाले . रावण ने अपने सोने की लंका में अनाधिकार प्रवेश करने वाले को मृत्यु दंड देता था़ हनुमानजी महाराज जब जगत् जननी जानकी की खोज में लंका में रावण के परमिशन के बिना प्रवेश किया तब रावण द्वारा हनुमानजी को पकड़वाकर उनको मृत्युदंड देना चाहता था़ विभीषन की कृपा से रावण को यह समझाया […]
जाले . रावण ने अपने सोने की लंका में अनाधिकार प्रवेश करने वाले को मृत्यु दंड देता था़ हनुमानजी महाराज जब जगत् जननी जानकी की खोज में लंका में रावण के परमिशन के बिना प्रवेश किया तब रावण द्वारा हनुमानजी को पकड़वाकर उनको मृत्युदंड देना चाहता था़ विभीषन की कृपा से रावण को यह समझाया गया कि किसी राजा के दूत की हत्या करना नीति के विरुद्घ है तब उन्हें मृत्युदंड के बदले उनके पूंछ में आग लगा दिया गया़ मगर आज भारतवर्ष में जो अलगाववादी देश के सीमाओं का अतिक्रमण कर देश में अशांति फैलाने के लिए प्रवेश करता है उसे इस देश की सरकारें काफी सुख-सुविधाओं के साथ उसे रखती है. हमारी सरकार को लंकापति रावण से सीख लेने की आवश्यकता है़ आज चीन अरुणाचल प्रदेश के लोगों के संबंध में कहता है कि यहां के लोगों का चेहरा चीनी लोगों से मिलता है इसलिए अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है़ यह बातें बुधवार को ब्रहृमपुर पश्चिमी पंचायत स्थित गौतम स्थान (गौतम-कुंड) में आयोजित अखिल भारतीय हनुमान आराधना मंडल के आयोजन के दूसरे और अंतिम दिन अपने ज्ञान की गंगा से श्रोताओं को उद्वेलित करते हुए उर्ध्वाम्नाय श्रीकाशीसुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अनन्त श्रीविभूषित स्वामीनरेन्द्रानन्द सरस्वतीजी महाराज ने कही़