मनमोहन सिंह अमेरिकी यात्रा पर रवाना
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व्यापार और निवेश, रक्षा तथा आतंकवाद विरोधी सहयोग पर द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार एवं द्विपक्षीय रिश्तों को प्रगाढ़ करने के मकसद से आज अमेरिका की यात्रा पर रवाना हो गए.अपनी सप्ताह भर की यात्रा के दौरान , सिंह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ वाशिंगटन में मुलाकात करेंगे और […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व्यापार और निवेश, रक्षा तथा आतंकवाद विरोधी सहयोग पर द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार एवं द्विपक्षीय रिश्तों को प्रगाढ़ करने के मकसद से आज अमेरिका की यात्रा पर रवाना हो गए.अपनी सप्ताह भर की यात्रा के दौरान , सिंह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ वाशिंगटन में मुलाकात करेंगे और न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेंगे. इसके अतिरिक्त वह वहां अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से भी मुलाकात करेंगे.असैन्य परमाणु करार का क्रियान्वयन , रक्षा , सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर सहयोग का विस्तार सिंह और ओबामा के बीच 27 सितंबर को होने वाली बैठक के एजेंडा में शीर्ष पर रहेगा.
इस यात्रा के दौरान कुछ समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है जिनमें भारतीय परमाणु उर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस के बीच का करार तथा रक्षा क्षेत्र में करीब दर्जनभर अन्य करार शामिल हैं.सिंह ने रवाना होते समय एक बयान में कहा, पिछले एक दशक में अमेरिका के साथ हमारे संबंध एक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हो गए हैं जो हमारे संबंधों का सबसे महत्वपूर्ण भाग है.वर्ष 2009 के बाद से ओबामा के साथ तीसरी शिखर वार्ता में शामिल होने वाले सिंह ने कहा, पिछले कुछ महीनों के दौरान गहन और उच्च स्तरीय द्विपक्षीय यात्राएं द्विपक्षीय साझेदारी के गति पकड़ने का प्रतीक हैं.
सिंह और ओबामा की मुलाकात में अमेरिकी बलों के अगले साल जाने के बाद अफगानिस्तान की स्थिति और सीरिया जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है. दोनों नेताओं द्वारा असैन्य परमाणु और रक्षा क्षेत्रों में आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने पर भी विचार किए जाने की संभावना है जो संबंधों का स्तंभ है.
रक्षा क्षेत्र में , दोनों नेताओं द्वारा क्रेता विक्रेता संबंधों को संयुक्त डिजाइन तथा विकास और उत्पादन में तब्दील किए जाने की संभावनाओं पर भी विचार किया जा सकता है.अमेरिका ने हाल ही में कहा था कि वह भारत के साथ ब्रह्मोस जैसे रक्षा प्रणालियों को संयुक्त रुप से निर्मित करना चाहता है.
रक्षा के क्षेत्र में , दोनों नेता हवाई अड्डों और बंदरगाहों की सुरक्षा पर आपसी सहयोग के उपायों पर चर्चा करेंगे. सिंह ने इस बात को रेखांकित किया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस वर्ष रियो डी जिनेरो में सतत विकास पर 2012 में हुए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से आगे की कार्रवाइयों पर ध्यान केंद्रित किया जएगा.
महासभा 2015 के बाद वैश्विक विकास एजेंडे का खाका भी तैयार करेगी. सिंह ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक ऐसे समय में होगी जब पश्चिम एशिया में विशेष रुप से राजनीतिक उथल पुथल हो रही है. इसमें वैश्विक आर्थिक मंदी ने भी उभरती अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है.
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं पुरजोर तरीके से हमारी इस प्रतिबद्धता को पेश करुंगा कि वैश्विक चुनौतियों का, बहुपक्षीय दृष्टिकोण के माध्यम से और संयुक्त राष्ट्र को इसके केंद्र में रखते हुए , बेहतर तरीके से समाधान किया जा सकता है. उन्होंने कहा, मैं वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक प्रशासन के संस्थानों में जल्द सुधार की जरुरत को भी पुरजोर तरीके से उठाउंगा , विशेष रुप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के मसले को ताकि संयुक्त राष्ट्र एक प्रभावी और ठोस भूमिका अदा कर सके. प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ होगा और ऐसे में सुधार के जारी प्रयासों को संपूर्णता प्रदान करने का यह सबसे सही मौका होगा.