दशहरे के बाद अब दीपावली की तैयारी
गया: दुर्गापूजा खत्म होने के बाद शहर के लोग अब अपने घरों की रंगाई-पुताई में जुट गये हैं. अधिसंख्य लोग दीपावली से पूर्व ही अपने घरों को चकाचक करने में लग गये हैं. रंग-पेंट व चूने की दुकानों पर इन दिनों काफी भीड़ हैं. कुछ लोग घरों की दीवारों को कई तरह के रंगों से […]
गया: दुर्गापूजा खत्म होने के बाद शहर के लोग अब अपने घरों की रंगाई-पुताई में जुट गये हैं. अधिसंख्य लोग दीपावली से पूर्व ही अपने घरों को चकाचक करने में लग गये हैं.
रंग-पेंट व चूने की दुकानों पर इन दिनों काफी भीड़ हैं. कुछ लोग घरों की दीवारों को कई तरह के रंगों से रंगाई करवा रहे हैं, जबकि कई लोग चूने से सफेद पुताई करा रहे हैं. दीपावली (तीन नवंबर) में करीब एक पखवारे का समय बचा है, लेकिन लोग अभी से ही तैयारियों में जुट गये हैं.
दूसरी ओर, पुताई-रंगाई करने वाले मजदूरों ने घर-घर जाकर काम खोजना शुरू कर दिया है. रंग-पेंट व्यवसायी पिंटू कुमार ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा में इस साल रंगाई-पुताइ के सामना महंगा हो गया है.
रेट पर एक नजर
इंडिगो लाल पेंट-150 रुपये किलो
इंडिगो हरा पेंट-160 रुपये किलो
इंडिगो सफेद पेंट-180 से 200रुपये किलो
कली चूना-50 से 60 रुपये पांच किलो
रोबिन नील- 160 रुपये किलो
खुला नील- 80 से 140 रुपये किलो
फेविकॉल- 70 से 75 रुपये किलो
पटुए की कूची-10 से 15 रुपये पीस
सेम जेपी जॉनसन हेमा मालिनी- 550 रुपये बैग
सेम (साधारण)- 350 से 450 रुपये तक
पीला मिट्टी रंग- 10 से 15 रुपये किलो
लाल मिट्टी रंग-10 से 15 रुपये किलो