टाटा मोटर्स : बोनस को लेकर में जिच, मैनेजमेंट सीधे भी बेच सकती है पैसा

जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में बोनस को लेकर प्रबंधन व यूनियन के बीच कई दौर की वार्ता के बाद भी समझौते की शक्ल नहीं ले सका है. बोनस को लेकर प्रबंध व यूनियन के बीच जिच कायम है. बोनस वार्ता व राशि को लेकर दोनो पक्ष अपने पत्ते खोलन से परहेज बरत रहा है. बोनस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2015 12:23 AM

जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में बोनस को लेकर प्रबंधन व यूनियन के बीच कई दौर की वार्ता के बाद भी समझौते की शक्ल नहीं ले सका है. बोनस को लेकर प्रबंध व यूनियन के बीच जिच कायम है.

बोनस वार्ता व राशि को लेकर दोनो पक्ष अपने पत्ते खोलन से परहेज बरत रहा है. बोनस को लेकर पूर्व में यूनियन की ओर से हर्षवर्धन सिंह ने कहा था कि प्रबंधन 10 प्रतिशत देने को तैयार है पर यूनियन इस पर तैयार नहीं है जिसका टाटा मोटर्स के हेड एडमिनिस्ट्रेशन रंजीत धर ने खंडन करते हुए कहा कि प्रबंधन अपने पुराने प्रस्ताव 8.33 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ी है.

उसके बाद से यूनियन की ओर से बोनस के संबंध में कोई नयी जानकारी नहीं दी जा रही है. सोमवार को भी बोनस वार्ता प्रबंधन व यूनियन के पदाधिकारियों के बीच हुई पर बोनस के प्रतिशत को लेकर दोनो के बीच गैप काफी अधिक है जिसके कारण वार्ता विफल रही. 10 फीसदी तक जा सकता है बोनसबताया जाता है कि टाटा मोटर्स प्रबंधन भी 8.33 फीसदी बोनस से कुछ ऊपर बढ़ा है. यह उम्मीद की जा रही है कि बोनस समझौता 10 फीसदी के आसपास हो सकता है.

यह आंकड़ा 11 फीसदी तक बहुत ज्यादा होगा तो जायेगा. हालांकि, इसको लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है. मंगलवार को फिर से वार्ता होगी. लेकिन अगर मंगलवार को बोनस वार्ता कोई सफलता पर नहीं पहुंचती है तो मैनेजमेंट एकतरफा कर्मचारियों के एकाउंट में पैसा भेज सकती है. हालांकि, इन सारे मुद्दे पर मैनेजमेंट व यूनियन अधिकारिक तौर पर बातचीत करने को तैयार नहीं है. स्थायीकरण पर भी स्थिति अस्पष्टटाटा मोटर्स में बोनस के साथ ही अस्थायी कर्मचारियों का स्थायीकरण होता रहा है. इस बार अभी तक बोनस ही स्पष्ट नहीं हो पाया है तथा स्थायीकरण को लेकर भी कोई आंकड़ा सामने नहीं आया है.

Next Article

Exit mobile version