रियाद : सउदी अरब ने देश में अवैध रुप से रह रहे विदेशी श्रमिकों के खिलाफ निरीक्षण अभियान शुरु किया है. निताकत कानून के तहत इन विदेशी कामगारों को अपने श्रम व आवासीय दर्जे को ठीक करने के लिए सात माह की रियायत दी गई थी. रियायत की अवधि समाप्त होने के बाद अभियान छेड़ा गया है. करीब 10 लाख भारतीयों ने इस रियायत का लाभ उठाया है.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल मंसूर अल तुर्की ने कहा कि यह अभियान पूरे साल चलेगा और इसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है. रियायत की अवधि की घोषणा 3 अप्रैल को की गई थी. इसे चार माह बढ़ाया गया था और यह समयसीमा कल समाप्त हो गई.
नयी श्रम नीति निताकत के तहत सउदी अरब का मकसद अपने नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना है. नीति के तहत लघु एवं मझोले उपक्रमों में भी 10 फीसद नौकरियां सउदी नागरिकों के लिए आरक्षित करनी होंगी.
अल तुर्की ने कहा कि छापेमारी की कार्रवाई सभी शहरों, कस्बों, क्षेत्रों तथा गांवों और राजमार्गों पर की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा और उसके बाद उन्हें उनके देश वापस भेज दिया जाएगा.
सउदी अरब में 28 लाख भारतीय रह रहे हैं. इस देश में प्रवासियों का सबसे बड़ा समूह भारतीयों का है. रियाद में भारतीय दूतावास ने आज कहा कि स्वयंसेवकों (वालियंटर्स) के कोर ग्रुप की बैठक कल होगी जिसमें रियायत अवधि के बाद के घटनाक्रम पर चर्चा होगी. इसके अनुमान के अनुसार निकासी कागजात हासिल करने वाले 95 प्रतिशत से अधिक भारतीय तो 21 अक्तूबर तक ही देश छोड़कर जा चुके हैं.