शिक्षकाें काे कभी न भूलें : डॉ दिनेश उरांव

रांची: विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने शिक्षा के व्यवसायीकरण का विरोध किया. उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ, तो आनेवाली पीढ़ियों के साथ अन्याय होगा. इसके लिए कहीं न कहीं शिक्षक भी दोषी हैं. डॉ उरांव मंगलवार को एआइफ्रुक्टो के वैज्ञानित सम्मेलन के उदघाटन के पश्चात सेवानिवृत्त शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे. डॉ उरांव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2016 12:58 AM
रांची: विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने शिक्षा के व्यवसायीकरण का विरोध किया. उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ, तो आनेवाली पीढ़ियों के साथ अन्याय होगा. इसके लिए कहीं न कहीं शिक्षक भी दोषी हैं. डॉ उरांव मंगलवार को एआइफ्रुक्टो के वैज्ञानित सम्मेलन के उदघाटन के पश्चात सेवानिवृत्त शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे.
डॉ उरांव ने कहा कि शिक्षकों को समाज में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. इन्हीं की शिक्षा के बदौलत लोग ओहदा पाते हैं, लेकिन ओहदा मिलते ही शिक्षक को भूल जाते हैं. सेवानिवृत्त होने के बाद कई शिक्षक अपने अधिकार के लिए चक्कर काटते रहते हैं. देश स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं. हालांकि अभी भी व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश है.
एआइफ्रुक्टो के पूर्व महासचिव मृणमय भट्टाचार्य ने कहा कि शिक्षा की वजह से हमारी सोच विकसित होती है. शिक्षक अपनी ताकत का उपयोग देश की मजबूती व जनकल्याण के लिए करें. बेसिक साइंस की दिशा में शोध व अनुसंधान हो. उन्हाेंने कहा कि विवि के समक्ष कई समस्याएं हैं. उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिए समस्याओं का समाधान जरूरी है. उन्होंने शिक्षा के व्यवसायीकरण का विरोध किया.
इस दौरान एआइफ्रुक्टो के सोविनियर का लाेकार्पण किया गया. मौके पर एआइफ्रुक्टो के अध्यक्ष डॉ राम सिंह, मणिपुर एआइफ्रुक्टो के संरक्षक थेकचॉम मिनिया, प्रो अरुण कुमार, अशोक वर्मन, एआइफ्रुक्टो के रांची शाखा के अध्यक्ष डॉ बबन चौबे समेत कई राज्यों से सेवानिवृत्त शिक्षक मौजूद थे.
डिग्री के साथ रोजगार भी देना होगा : सीपी सिंह
सम्मेलन में मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि केवल डिग्री देने से नहीं होगा. विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर भी देने होंगे. आज जो स्थिति है, उसमें ग्रेजुएट और बीटेक नौकरी मांग रहे हैं. उन्हाेंने कहा क्रीम विद्यार्थी को लेकर कहते हैं कि हमारे यहां सौ प्रतिशत रिजल्ट आया है.
शिक्षा का वातावरण बनाना जरूरी : डॉ राम
एआइफ्रुक्टो के अध्यक्ष डॉ राम सिंह ने कहा कि आज शिक्षा का मतलब बदल गया है. शिक्षा का व्यवसायीकरण हो रहा है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि शिक्षकों को अवसर दें, ताकि कॉलेजों व स्कूलों में शिक्षा का वातावरण बनाया जा सके. शिक्षा का वातावरण बनाना जरूरी है.
पूर्व कुलपति व शिक्षकों को मिला सम्मान
सम्मेलन में 12 पूर्व कुलपति, पांच वर्तमान कुलपति के अलावा सामाजिक कार्यों से जुड़े 80 वर्ष से अधिक उम्र के 22 शिक्षकों को सम्मानित किया गया. सम्मानित होनेवाले पूर्व कुलपति में डॉ केके नाग, प्रो सीआर लाहा, प्रो एसएस हुसैन, प्रो फिराेज अहमद, प्रो केएन दुबे, प्रो एनके मुखर्जी, प्रो एलएन भगत, प्रो विक्टर तिग्गा, प्रो एए खान, प्रो सुशील राय व प्रो एमपी सिंह तथा वर्तमान कुलपति में प्रो रमेश कुमार पांडेय, प्रो आरपीपी सिंह, प्रो एएन ओझा, प्रो गुरदीप सिंह व प्रो कमर अंसारी के नाम शामिल हैं. वहीं शिक्षक आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रो सुशीला मिश्रा, प्रो उमेश चंद्रा, डॉ कृष्ण पांडेय, डॉ अलख नारायण प्रसाद, डॉ केके शर्मा, डॉ बबन चौबे, डॉ मंजू शील, डॉ एमके मंजरी, डॉ एनएन मारिक व डॉ एमपी शर्मा को सम्मान मिला़.
स्वास्थ्य शिविर लगा
सम्मेलन में ऑर्किड हॉस्पिटल की ओर से चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. मौके पर रक्तचाप, सुगर आदि की जांच की गयी.

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