‘बेमियादी भूख-हड़ताल ग़ैरकानूनी’

जेएनयू विश्वविद्यालय में गुरुवार को छात्रों की अनिश्चितकालीन भूखहडताल का आठवां दिन था. छात्रों की मांग ये है कि नौ फ़रवरी के विवादास्पद नारों के मामले पर प्रशासन ने जो कार्रवाई थी, उन कार्रवाइयों को वापस लिया जाए. एक तरफ़ जहां एबीवीपी ने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली है, वाम दलों से जुड़े छात्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2016 9:59 AM

जेएनयू विश्वविद्यालय में गुरुवार को छात्रों की अनिश्चितकालीन भूखहडताल का आठवां दिन था.

छात्रों की मांग ये है कि नौ फ़रवरी के विवादास्पद नारों के मामले पर प्रशासन ने जो कार्रवाई थी, उन कार्रवाइयों को वापस लिया जाए.

एक तरफ़ जहां एबीवीपी ने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली है, वाम दलों से जुड़े छात्र संगठनों ने अपनी भूख हड़ताल को जारी रखा है हालांकि स्वास्थ्य कारणों से चार छात्र अपनी भूख हड़ताल वापस ले चुके हैं.

छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की हालत बिगड़ने के कारण उन्हें स्वास्थ्य सेंटर में भरती करना पड़ा है.

उधर बीबीसी संवाददाता विनीत खरे से बातचीत में जेएनयू वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर एम जगदेश कुमार ने कहा है कि अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जो व्यक्ति की ज़िंदगी को नुकसान पहुंचाए उसे बढ़ावा नहीं देना चाहिए और वो ग़ैरकानूनी है.

Next Article

Exit mobile version