उफनाती गंगा से बाढ़ हुई विकराल, राहत नाकाफी
आफत. भागलपुर, मुंगेर व लखीसराय में गंगा का प्रलयंकारी रूप भागलपुर : भागलपुर, लखीसराय व मुंगेर में बाढ़ ने प्रलयंकारी रूप धारण कर लिया है. कटिहार में गुरुवार को जलस्तर और बढ़ जाने से स्थिति बद से बदतर हो गयी. खगड़िया में जीएन बांध से रिसाव शुरू होने से अफरा-तफरी मच गयी है. मुंगेर में […]
आफत. भागलपुर, मुंगेर व लखीसराय में गंगा का प्रलयंकारी रूप
भागलपुर : भागलपुर, लखीसराय व मुंगेर में बाढ़ ने प्रलयंकारी रूप धारण कर लिया है. कटिहार में गुरुवार को जलस्तर और बढ़ जाने से स्थिति बद से बदतर हो गयी. खगड़िया में जीएन बांध से रिसाव शुरू होने से अफरा-तफरी मच गयी है. मुंगेर में एनएच-80 पर तेज बहाव के कारण मुंगेर का पूर्व बिहार से सड़क संपर्क भंग हो गया है. बरियारपुर-खड़गपुर मार्ग पर पिछले पांच दिनों से आवागमन पूरी तरह बाधित है. बाढ़ के कारण लोग दाने-दाने को मोहताज हो गये हैं. मवेशियों को चारा नहीं मिल रहा है. लोग ऊंचे जगहों पर शरण ले रखे हैं.
भागलपुर : खतरे से 101 सेंटीमीटर ऊपर पहुंची गंगा
गंगा का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है. गंगा खतरे के निशान से 101 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. हर चार से पांच घंटे पर एक सेंटीमीटर की वृद्धि हो रही है. पूर्वानुमान है कि शुक्रवार शाम चार बजे तक जलस्तर बढ़ कर 34.72 मीटर पर पहुंच सकता है. बाढ़ राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों की हालत दयनीय हो गयी है. सबौर का राहत शिविर टापू बन गया है. हर शिविर में गंदगी भरे होने के कारण पीड़ितों का जीना मुश्किल हो गया है.
शहर के माणिक सरकार घाट पर घर में चौकी पर सोयी 18 माह की बच्ची की लुढ़क कर पानी में गिरने से मौत हो गयी. रेलवे ट्रैक पर पानी का दबाव बढ़ता ही जा रहा है. ट्रेन की रफ्तार 30 से घटाकर 20 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गयी है. पटरी बचाने के लिए रेलवे का इंजीनियरिंग सेल जुटा हुआ है.
कटिहार : कई गांव जलमग्न
कटिहार जिले में बाढ़ की स्थिति भयावह बन गयी है. गंगा गुरुवार को हाइ लेवल से ऊपर उठ चुकी है. उधर कोसी नदी देर रात तक हाई लेवल पार कर जायेगी. यह नदी हाई लेवल से मात्र एक सेंटीमीटर नीचे बह रही है. कारी कोसी व बारंडी नदी के जलस्तर में भी लगातार हो रही वृद्धि से दर्जनों नये गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. बाढ़ के पानी की वजह से विस्थापित हो चुके लोगों के लिए चलाये जा रहे राहत शिविर महज खानापूर्ति साबित हो रहे हैं.
खगड़िया : गंगा की पुरानी धारा में रिसाव शुरू
गुरुवार को गंगा के जलस्तर में फिर वृद्धि दर्ज की गयी. बुधवार की शाम सियादतपुर अगुवानी पंचायत के खनुआ राका गांव के निकट जीएन बांध में रिसाव होने की खबर आयी तो प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए देर रात तक में इसे बंद किया.
लखीसराय : गंगा के जलस्तर में फिर वृद्धि, बिगड़े हालात
मंगलवार को गंगा के जलस्तर में थोड़ी कमी के बाद लोगों ने राहत की सांस ली थी कि अब गंगा मईया लौट लायेगी. लेकिन बुधवार से गंगा के जलस्तर में तरंग की तरह वृद्धि होने लगी और गुरुवार दोपहर तक बड़हिया उच्च विद्यालय के सामने एनएच-80 पर गंगा नदी का पानी बहना शुरू कर दिया. हालांकि अभी वाहनों का आवागमन बाधित नहीं हुआ है. पिपरिया प्रखंड में डूबने से दो भाइयों की मौत हो गयी
मुंगेर : बाढ़ का कहर जारी, कई गांव जलमग्न
जिले में बाढ़ पूरी तरह बेकाबू हो गया. जिले के 58 गांवों का एनएच से सड़क संपर्क भंग हो गया है.
पानी का विकराल रूप देख कर प्रशासनिक स्तर पर मसजिद मोड़ नौवागढ़ी के समीप बैरियर लगा दिया गया है. भागलपुर की ओर जाने वाले वाहनों को यहीं पर रोक दिया जा रहा है. वाहनों को मसजिद मोड़ से नक्सल प्रभावित ऋषिकुंड मार्ग से पास कराते हुए लोहची शिवालय के पास निकाला जा रहा है. लोहची से सीधे वाहनों को गंगटा जंगल होते हुए जमुई भेजा जा रहा है.
लखीसराय व भागलपुर में डूबने से तीन लोगाें की मौत
बाढ़ राहत शिविरों में दयनीय स्थिति में जी रहे बाढ़ पीड़ित, सड़ांध से परेशानी
नये इलाकों में घुसा पानी, शहरी क्षेत्र भी हुए जलमग्न
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शिविर में बेटी के जन्म पर ~15000, तो बेटे के जन्म पर मिलेंगे ~10000
पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को बाढ़ राहत शिविरों का दौरा किया. उन्होंने मनेर से दानापुर होते हुए बख्तियारपुर तक के राहत शिविरों का जायजा लिया और वहां बाढ़पीड़ितों के लिए की गयी व्यवस्था का निरीक्षण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों में बेटी के जन्म पर 15 हजार रुपये और बेटे के जन्म पर 10 हजार रुपये देने का सभी जिलों को निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिया और कहा कि यह खर्च मुख्यमंत्री
शिविर में बेटी की जन्म पर…
राहत कोष से किया जायेगा. इसके पहले मुख्यमंत्री के आगमन की सूचना के साथ ही मनेर से बख्तियारपुर तक के राहत शिविरों में तैनात अधिकारी सजग रहे. मुख्यमंत्री रिलिफ फंड से पीड़ितों के लिए धोती, साड़ी, सेनेटरी नेपकीन, बच्चों के कपड़े आदि की खरीद कर वितरण किया गया. बाढ़पीड़ितों के बीच साबून, आइना, कंघी, सुगंधित तेल भी बांटा गया.
मुख्यमंत्री ने मनेर के राहत शिविर में चापाकल के पास जलजमाव पर अधिकारियों को अविलंब जल निकासी का निर्देश दिया. साथ ही राहत शिविरों में गंदगी हर हाल में दूर करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जगह-जगह ब्लिचिंग पाउडर, फिनाइल की गोली से सफाई का इंतजाम करें. मुख्यमंत्री ने रोशनी, शुद्ध पेयजल, खाना बनाने की जगह की सफाई की भी हिदायत दी. उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे लाेगों से मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली. अधिकारियों को शिविर में लोटा, थाली और गिलास उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
बाढ़ राहत के लिए सामग्री की खरीद के लिए दर तय नहीं होने के कारण हो रही परेशानी पर कहा गया है कि आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 50 के तहत आपात स्थिति में स्थानीय स्तर पर भी राहत सामग्री की खरीद का प्रावधान है. ऐसे में जहां दर का निर्धारण नहीं किया गया है, वहां इस एक्ट के आधार पर अविलंब सामग्री की खरीद कर राहत वितरण किया जाये.
जहां मुख्यमंत्री ने दौरा किया
उच्च माध्यमिक विद्यालय, मनेर, राजकीय मध्य विद्यालय, मेहनामा, मनेर, शेरपुर में गंगा के जल स्तर को देखा, बलदेवा हाइस्कूल, दानापुर, बालिका विद्यापीठ, कुर्जी, बाजार समिति, दीदारगंज, आदर्श मध्य विद्यालय, घोसवरी, राजकीय मध्य विद्यालय, अथमलगोला, सबनीमा गांव में घूमे, बख्तियारपुर के राहत शिविर को देखा और लोगों से शिविर में मिल रही सुविधा और परेशानी की जानकारी ली.
इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन िसंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार िसंह व आपदा प्रबंधन िवभाग के प्रधान सचिव व्यास जी मौजूद थे.