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नर्सिग होमों में पसर गया सन्नाटा

बेतियाः शहर के जिन नर्सिग होमों में देर शाम तक मरीजों की भीड़ रहती थी. लोग अपने नंबर के लिए डॉक्टरों के सहयोगियों से मिन्नतें करते नजर आते थे. शनिवार की शाम वहां वीरानगी का नराजा था.कई नर्सिग होम तो सिर्फ इलसिए बंद कर दिये गये. कहीं, उनके यहां पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की टीम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2014 4:06 AM

बेतियाः शहर के जिन नर्सिग होमों में देर शाम तक मरीजों की भीड़ रहती थी. लोग अपने नंबर के लिए डॉक्टरों के सहयोगियों से मिन्नतें करते नजर आते थे. शनिवार की शाम वहां वीरानगी का नराजा था.कई नर्सिग होम तो सिर्फ इलसिए बंद कर दिये गये. कहीं, उनके यहां पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की टीम नहीं धमक पड़े. इसका असर मरीजों पर पड़ा. हालांकि इस संबंध में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं दिख रहा था. सब लोग सहमे हुये थे.

इक्का-दुक्का लोग ही कुछ बोले. इनका कहना था, दिन में एक साथ छापेमारी की घटना हुई. इससे हड़कंप मच गया, जिन लोगों के क्लीनिक सही कागजात या डॉक्टर नहीं थे. उन्हें आनन-फानन में बंद कर दिया गया. शाम के समय जिन लोगों को पता नहीं था. वह इलाज के लिए इन क्लीनिकों में पहुंचे थे, लेकिन ताला बंद देख कर वापस चले गये या फिर किसी और डॉक्टर की ओर रुख किया.

वहीं, शहर में फर्जी डॉक्टरों व नर्सिग होमों पर की गयी छापेमारी की चर्चा रही. लोग दबी जुबान से इनको लेकर बात करते दिखे. इनका कहना था, दर्जनों ऐसे क्लीनिक हैं, जिनमें गैर प्रशिक्षित लोग इलाज करते हैं. कई बार इन लोगों के इलाज से मरीजों की मौत तक हो जाती है, लेकिन इनका धंधा लगातार चल रहा है. वहीं, एसपी सौरभ साह का भी कहना था, हाल के दिनों में ऐसी शिकायतें लगातार आ रही थी, जिले में तमाम ऐसे लोग हैं, जो बिना किसी डिग्री के इलाज कर रहे हैं, लेकिन हम लोग उनके खिलाफ कार्रवाई करने में तब तक सफल नहीं होंगे, जब तक आम लोग हमें सहयोग नहीं करेंगे.

वहीं, बिना कागजात के चल रहे नर्सिग होमों में काम करनेवाले कर्मचारियों के बीच भी बेचैनी देखी गयी. इन्हें आनन-फानन में नर्सिगम होमों से बाहर जाने को कह दिया गया. कई जगहों पर मरीजों को जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया.

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