श्री तिर्की ने कहा कि लोग सरना और ईसाईयों को एक-दूसरे से लड़ाना चाहते है़ं ग्रामीणों व दोनों समुदाय के बीच आपसी सूझबूझ से उक्त स्थल की घेराबंदी की जायेगी, जिसमें सरना व ईसाई अपने-अपने स्थान पर दफन क्रिया करेंगे़ टीएसी सदस्य रतन तिर्की ने कहा कि हमारे पुरखे एक साथ रहते थे. इस परंपरा को कायम रखने की जरूरत है़.
केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संतोष तिर्की ने कहा कि जो सरना-ईसाई की राजनीति करते हैं, उनकी बयानबाजी पर विराम लग जायेगा़ 18 मई सुबह 11 बजे से कुटे प्राथमिक विद्यालय में अॉल चर्चेज कमेटी, ग्रामीण व केंद्रीय सरना समिति के पदाधिकारी और विस्थापित परिवारों की बैठक होगी. उक्त बैठक में होनेवाले निर्णय की लिखित सूचना झारखंड सरकार, एचइसी के सीएमडी व विभागीय पदाधिकारियों को दी जायेगी़ दोनों समुदायों की सहमति के बाद ही घेराबंदी का काम पुन: किया जायेगा़ बैठक में ऑल चर्चेज कमेटी के सलीम सहाय तिग्गा, आरएस लकड़ा, बेनेदिक्त बेक, अजीत बड़ाइक, इमानुएल एक्का, चिलगू उरांव, राहुल उरांव, एतवा उरांव, सुनील कच्छप, रामा महली, दीपक लोहरा, बाबू टोप्पो व अन्य मौजूद थे़.