इलेक्ट्रॉनिक्स आैर आइटी की अधिक मांग : डॉ रमेश

रांची : वर्तमान समय में सबसे अधिक मांग इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी की है. इसमें सबसे ज्यादा रोजगार उत्पन्न हो रहा है. देश के विकास में स्किल इंडिया व डिजिटल इंडिया जैसे लक्ष्य को प्राप्त करने में देश को उन्नत शोध कार्यों की जरूरत है. यह बातें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व रांची विवि के कुलपति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2017 6:50 AM
रांची : वर्तमान समय में सबसे अधिक मांग इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी की है. इसमें सबसे ज्यादा रोजगार उत्पन्न हो रहा है. देश के विकास में स्किल इंडिया व डिजिटल इंडिया जैसे लक्ष्य को प्राप्त करने में देश को उन्नत शोध कार्यों की जरूरत है. यह बातें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व रांची विवि के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय ने शनिवार को बूटी मोड़ स्थित बीएसएनएल के कांफ्रेंस हॉल में कही.

श्री पांडेय द इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियर्स रांची व आइएसवीआइ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में बोल रहे थे. कांफ्रेंस का विषय माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स कंप्यूटिंग एंड कम्यूनिकेशन सिस्टम था. उन्होंने कहा कि आइइटीइ, रांची सेंटर के साथ रांची विवि एक एमओयू करेगा. इससे देश भर के टेक्नोक्रेट के ज्ञान-विज्ञान से विवि के विद्यार्थी लाभान्वित होंगे.

विद्यार्थियों के लिए बढ़ रही चुनौतियां : सीजीएम
बीएसएनएल के सीजीएम केके ठाकुर ने कहा कि कम्यूनिकेशन में एक सिस्टम आता है. दो से चार महीने में ही उससे भी ज्यादा एडवांस सिस्टम आ जाता है. यह रिसर्च का ही नतीजा है. 4जी का उपयोग सही तरीके से शुरू हुआ नहीं और 5 जी की बातें होने लगी हैं. ऐसे में इसके विद्यार्थियों के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं.
नये इनोवेशन की दिशा में काम करें, तभी सफलता मिलेगी : डॉ एए खान
रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एए खान ने कहा कि चुनौतियों को स्वीकार करते हुए नये इनोवेशन करने की दिशा में काम करें, तभी सफलता हासिल होगी. विग्नास विवि, गुंटूर के डीन डॉ ए श्रीनिवासुलु ने कहा कि लोग शोध कार्यों के रिजल्ट पर ज्यादा ध्यान देते हैं. वहीं शोध कार्य ज्यादा नाम पाता है, जो लोकहित व पर्यावरण हित में किया जाता है. किसी शोध का रिजल्ट लोगों की जिंदगी में सहूलियत लाये, तो उसका प्रभाव लंबे समय तक याद रहता है. संचालन सरोज झा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ आनंद कुमार ठाकुर ने दिया. अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में डॉ आरके सिंह, संजय झा, अजय कुमार, डॉ राज कुमार, डॉ कुमारी ममता, डॉ अरुण कुमार सहित 12 राज्यों के प्रतिभागी उपस्थित थे.

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